अब गोवा कांग्रेस में मची भगदड़, भाजपा में शामिल होंगे 8 विधायक
पणजी
देश के कई राज्यों में गुटबाजी और बगावत का सामना कर रही कांग्रेस को अब गोवा में भी बड़ा झटका लग सकता है। पूर्व सीएम दिगंबर कामत और माइकल लोबो की लीडरशिप वाले 8 विधायकों का गुट भाजपा में शामिल हो सकता है। केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, राजेश फलदेसाई और रुडोल्फ फर्नांडीस भी कांग्रेस छोड़कर भाजप में शामिल होने वाले विधायकों में हैं। एएनआई के मुताबिक इन विधायकों ने सीएम प्रमोद सावंत से भी मुलाकात कर ली है।
गोवा भाजपा के अध्यक्ष सदानंद शेट तनावड़े ने भी कहा है कि कांग्रेस के विधायक भाजपा में शामिल होने वाले हैं। हालांकि उन्होंने कांग्रेस से आने वाले विधायकों की संख्या बताने से इनकार कर दिया। इस खबर के बाद से ही तटीय राज्य की राजनीति में चर्चाएं जोरों पर हैं। कहा जा रहा है कि इन विधायकों ने अपने फैसले के बारे में असेंबली स्पीकर को बता दिया है, जो फिलहाल दिल्ली में हैं और बुधवार शाम तक गोवा आ सकते हैं। फिलहाल विधानसभा परिसर की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा सरकार की आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली थी, उसे भी टाल दिया गया है।
जुलाई में भी की थी कोशिश, पर फेल हो गया था प्लान
इससे पहले जुलाई में भी कांग्रेस के कुछ विधायकों ने दलबदल की कोशिश की थी, लेकिन उनके ग्रुप में ही मतभेद होने के चलते प्लान फेल हो गया था। हालांकि उसके कुछ सप्ताह बाद से ही माइकल लोबो और दिगंबर कामत एक बार फिर से विधायकों को अपने साथ लाने की कोशिश में जुट गए थे। हाल ही में माइकल लोबो दिल्ली आए थे और गोवा पहुंचने पर कहा था कि वह महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन में हिस्सा लेने गए थे। हालांकि उन्हें दिल्ली में कांग्रेस के प्रोटेस्ट के दौरान नहीं देखा गया था। इसके अलावा कामत को लेकर भी जानकारी सामने आई थी कि वह दिल्ली गए थे।
कामत और लोबो पर पहले से ही कांग्रेस को था शक
बता दें कि कांग्रेस पहले ही कामत और लोबो पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए स्पीकर से उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग कर चुकी है। कांग्रेस की याचिका फिलहाल स्पीकर के समक्ष लंबित है। बता दें कि 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में भाजपा के 20 विधायक हैं, जो बहुमत से एक कम है। ऐसे में पार्टी को लगता है कि कांग्रेस के विधायकों को साथ लेकर वह अपनी सरकार को मजबूती दे सकती है। भाजपा को अभी 3 निर्दलीय और 5 महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायकों का भी समर्थन हासिल है। कांग्रेस के कुल 11 विधायक चुने गए थे, जिनमें से 8 विधायक यदि टूटते हैं तो फिर दलबदल कानून भी लागू नहीं होगा क्योंकि टूटने वालों की संख्या दो तिहाई से ज्यादा है।
बता दें कि गोवा में दलबल का एक लंबा इतिहास रहा है। 1989 से 2000 के दौरान महज 12 सालों में ही राज्य में 13 मुख्यमंत्री रहे हैं। दलबदल के चलते लगातार गोवा ने सरकारों के आने और जाने का दौर देखा था। यही नहीं पिछले विधानसभा कार्यकाल में कांग्रेस के 10 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके अलावा राज्य के 27 ऐसे विधायक थे, जो 2022 के चुनाव आते तक उस दल में नहीं रहे, जिससे उन्होंने 2017 में जीत हासिल की थी।