नकाब नहीं मिलने पर बागेश्वर पुलिस ने अपराधियों का चेहरा सर्जिकल मास्क से ढका
बागेश्वर
उत्तराखंड की बागेश्वर पुलिस के पास गिरफ्तार किए गए अपराधियों का चेहरा छिपाने के लिए नकाब नहीं है। लूट और मारपीट मामले में पकड़े गए दो बदमाशों की तस्वीर इसकी गवाह है, जिनका पूरा चहेरा ढकने के लिए पुलिस ने उन्हें तीन से चार सर्जिकल मास्क पहना दिए। बात अगर महज नाक और मुंह ढकने की होती तो भी ठीक थी, मगर यहां तो बदमाशों काे इतने मास्क पहना दिए गए कि इसी से उनका माथ अौर आंख तक भी ढक दिया गया है।
मुंह और नाक ही नहीं, आंखें और सिर भी छिपाया
बात बागेश्वर की है। बुधवार काे यहां पुलिस ने राजकीय ठकेदार से मारपीट करने और उसका लाइसेंसी रिवाल्वर लूटने के आरोप में दो लाेगों को गिरफ्तार किया। पुलिस उन्हे कोर्ट में पेशी पर ले जाने से पहले अपनी पीठ थपथपाने के लिए मीडिया के सामने लेकर आई तो बदमाशों के हुलिए को देखकर हर कोई हैरान रह गया। पुलिस ने उन्हें एक नहीं, बल्कि तीन-तीन मास्क पहनाकर उनकी आंखें, माथ, नाक और मुंह तक छिपा रखे थे।
कोरोना से जंग में हथियार बना था मास्क
कोर्ट का आदेश है कि गिरफ्तार किए गए आरोपित पर जब तक दोषसिद्ध नहीं हो जाता, उसकी पहचान उजागर नहीं की जाएगी। कोर्ट के इसी नियम का पालन करने की जल्दबाजी में पुलिस ने नकाब की जगह गिरफ्तार आरोपितों को वही सर्जिकल मास्क पहना दिया, जिसे अक्सर डाक्टर पहनते हैं। कोरोना काल में महामारी से लड़ने में भी यही मास्क उपयोगी साबित हुआ था। मगर पांच रुपये में मिलने वाले इसी मास्क का उपयोग करने में बागेश्वर पुलिस और आगे निकल गई। बीमारी में लड़ने में उपयोगी मास्क का मजाक बनाकर पुलिस कटघरे में खड़ी हो गई है।
लूट और मारपीट के आरोप में पकड़े गए दोनों
30 अगस्त को राजकीय ठेकेदार नवीन परिहार पुत्र अमर सिंह परिहार निवासी कठायतबाड़ा से मारपीट, लूटपाट हुई थी। इसी मामले में पुलिस ने दो आरोपितों विनोद शाही पुत्र रतन सिंह निवासी गोलना, देवेंद्र सिंह उर्फ रोहित निवासी कठायतबाड़ा को धारी गांव के पास से वारदात के 15 दिन के बाद गिरफ्तार किया है। जबकि एक अन्य आरोपित खुशिया उर्फ कुशिया निवासी हरसीला अभी फरार है।
अपराधिक इतिहास
पुलिस के अनुसार विनोद शाही के विरुद्ध कोतवाली में धारा 13 जी और देवेंद्र के विरुद्ध धारा 323/147/148/149/427/506 में थाना बैजनाथ के अलावा धारा 13 G में बैजनाथ थाने में निरुद्ध है।