November 25, 2024

राजस्थान-अजमेर में प्रतिभा सम्मान समारोह में पहुंचे केंद्रीय मंत्री भागीरथ, परिश्रम में वाल्मीकि समाज का मुकाबला नहीं

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अजमेर.

अजमेर के जवाहर रंग मंच पर आयोजित वाल्मीकि विद्यार्थी प्रतिभा सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी शामिल हुए। मेधावी छात्रों को सम्मानित करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छे अंकों से शिक्षा ग्रहण करने से परिवार, समाज और राष्ट्र का भला होता है। परिश्रम और सेवा भाव में वाल्मीकि समाज का कोई मुकाबला नहीं है।

उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि भोजन से भी जरूरी शिक्षा है और आज इन्हीं विचारों का अनुसरण करते हुए ये होनहार विद्यार्थी इस मुकाम पर पहुंचे हैं। सम्मानित होने वालों में बेटों से अधिक बेटियों की संख्या गौरवान्वित कर रही है। भागीरथ चौधरी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में कभी भी छुआछूत जैसी कुरीतियां नहीं रही हैं। प्रभु श्री राम ने सबरी के झूठे बेर भी बड़े प्रेम से खाए थे। जब पशु-पक्षी अछूत नहीं हैं तो मानव कैसे हो सकता है? उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक किसी भी राष्ट्र का सबसे पिछड़ा तबका पूर्ण शिक्षित और योग्य नहीं हो जाता, तब तक वह देश परम वैभव को प्राप्त नहीं कर सकता। केंद्र की मोदी सरकार की प्राथमिकताएं आज भी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास हैं। चौधरी ने विश्वास दिलाया कि वाल्मीकि समाज के उत्थान में केंद्र सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, श्रीदेवनारायण बोर्ड अध्यक्ष एवं प्रदेश महामंत्री भाजपा ओमप्रकाश भड़ाना ने प्रतिभावान विद्यार्थियों, उनके परिजनों और गुरुजनों को बधाई देते हुए कहा कि ये बच्चे अधिक शाबाशी के हकदार हैं क्योंकि इन्होंने अभावों की जंजीरें तोड़कर यह उपलब्धि हासिल की है। भड़ाना ने कहा कि वाल्मीकि समाज हिंदू धर्म की रीढ़ है। समाज के पूर्वज न मुगलों आक्रांताओं के अत्याचार से डरे, न ही अंग्रेजों के लालच में अपना धर्म छोड़ा। बल्कि अमानवीय, घोर अपवित्र काम करना स्वीकार किया। यह कहा जा सकता है कि धर्म के लिए वाल्मीकि समाज ने बहुत बड़ा त्याग किया है। उन्होंने यह भी कहा कि 1857 की क्रांति में आमने-सामने की लड़ाई के साथ-साथ वाल्मीकि समाज का सांस्कृतिक योगदान भी रहा है। लोग अपनी बात पहुंचाने और उनमें साहस भरने के लिए निडरता से ढोल, नगाड़ों, तुरही जैसे वाद्य यंत्र बजाते थे। भड़ाना ने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य, अच्छी शिक्षा, पढ़ी-लिखी मां, और कर्ज मुक्त परिवार ही संपन्न और सुखी परिवार होता है। अतः भौतिकवाद, झूठी शान के लिए कर्ज में डूबकर अपने जीवन में परेशानियों को आमंत्रित न दें। उन्होंने "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" का नारा देते हुए समाज के वरिष्ठ जनों से आग्रह किया कि वे अपनी बेटियों को अधिक से अधिक पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें, क्योंकि एक बेटी दो परिवारों को संबल प्रदान करती है।

आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों की हौसला अफजाई करते हैं। मुझे आशा ही नहीं, विश्वास है कि अगली बार इससे दोगुनी संख्या में बच्चों को सम्मानित करने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर उपमहापौर नीरज जैन, ओम प्रकाश जेदिया, नेता प्रतिपक्ष द्रौपदी कोली, प्रदेश कांग्रेस की महासचिव रेखा कलोसिया, श्रवण टोनी, छीतरमल टेपण, सहित अन्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन भावेश गुजराती ने किया।

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