September 25, 2024

देवशयनी एकादशी: पद्म पुराण में विष्णु शयन मंत्र

0

देवशयनी एकादशी मंत्र: आज देवशयनी एकादशी है और आज से भगवान विष्‍णु 4 महीने के लिए सोने चले जाएंगे। आज से चातुर्मास का आरंभ हो जाएगा और भगवान विष्‍णु के साथ बाकी देव भी सो जाएंगे। चार महीने का चातुर्मास भगवान विष्‍णु का शयनकाल होता है। आज के दिन भक्‍त देवशयनी एकादशी का व्रत रखते हैं और भगवान विष्‍णु को सुलाते हैं। हम आपको बता रहे हैं भगवान विष्‍णु को शयन करवाने का मंत्र।

देवशयनी एकादशी संकल्प मंत्र

सत्यस्थ: सत्यसंकल्प: सत्यवित् सत्यदस्तथा।
धर्मो धर्मी च कर्मी च सर्वकर्मविवर्जित:।।
कर्मकर्ता च कर्मैव क्रिया कार्यं तथैव च।
श्रीपतिर्नृपति: श्रीमान् सर्वस्यपतिरूर्जित:।।

भगवान विष्णु को शयन कराने का मंत्र

सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत सुप्तं भवेदिदम।
विबुद्धे त्वयि बुध्येत जगत सर्वं चराचरम।

क्षमा मंत्र

भक्तस्तुतो भक्तपर: कीर्तिद: कीर्तिवर्धन:।
कीर्तिर्दीप्ति: क्षमाकान्तिर्भक्तश्चैव दया परा।।

देवशयनी एकादशी पर इन मंत्रों के जप से भी होगा लाभ

1. ऊँ श्री त्रिपुराय विद्महे तुलसी पत्राय धीमहि तन्नो: तुलसी प्रचोदयात।

2. ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।

3. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः। मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

4. ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

5. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *