November 30, 2024

अदालत ने प्रधानमंत्री के खिलाफ इस साल अप्रैल में हेट स्पीच वाले भाषण के लिए दायर की गई निजी शिकायत खारिज

0

कर्नाटक
बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस साल अप्रैल में दिए गए कथित हेट स्पीच वाले भाषण के लिए दायर की गई निजी शिकायत को खारिज कर दिया है। पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में प्रचार अभियान के दौरान राजस्थान के बांसवाड़ा में घुसपैठियों को लेकर टिप्पणी की थी जिसमें देश की संपत्ति को बांटने का जिक्र था। इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के जस्टिस केएन शिवकुमार ने जियाउर रहमान नाम के व्यक्ति द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है।

जियाउर रहमान ने अपनी शिकायत में अदालत से इंडियन पीनल कोड की धारा 153ए (नफरत फैलाने वाला भाषण), 153बी, 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 503, 504 और 505(2) के तहत अपराध पर संज्ञान लेने या मामले को स्थानीय पुलिस द्वारा जांच के लिए सौंपने का अनुरोध किया था। रहमान ने अदालत के सामने दावा किया कि मोदी ने इस भाषण के दौरान देश को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो महिलाओं के मंगलसूत्र सहित भारतीयों की संपत्ति छीन ली जाएगी और इसे मुसलमानों में बांट दिया जाएगा। हालांकि अदालत ने शिकायत को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह “यह मामला जांच के लिए फिट नहीं बैठता है।”

पीएम मोदी ने अपने भाषण में क्या कहा था?
21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनाव प्रचार करते हुए पीएम मोदी ने दावा किया था कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो वह भारतीयों की संपत्ति मुसलमानों में बांट देगी। पीएम मोदी ने कहा था, “पहले जब इनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करते किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे। घुसपैठियों को बांटेंगे। क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंजूर है ये?” उन्होंने आगे कहा था कि कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे। उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे। ये अर्बन नक्सल की सोच है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *