सुमन के हौसले को मिली उड़ान, लखपति दीदी बनने का सपना हुआ साकार
जिले के ग्राम गढ़बेंगाल निवासी श्रीमती सुमन पहले आर्थिक रूप से बहुत की कमजोर थी। सुमन बताती है कि समूह से जुड़ने से पहले मेरे पति ठेकेदारी का काम करते थे। उनकी ठेकेदारी का काम ठीक से नही चलता था, जिस वजह से हम लोगों के उपर बहुत कर्जा था एवं हम लोगों का ज्यादा जमीन भी नही है, जिससे कि हम लोग खेती कर सके। छोटी-छोटी जरूरतो को पूरा कर पान हमे मुश्किल लगता था। मेरे परिवार में मेरी तीन बेटियों है तथा एक सासू मॉ भी है, बच्चों की पढ़ाई लिखाई भी अच्छी से नहीं हो पाती थी। हम लोग बहुत पेरशान रहते थे।
महिलाओं को बिहान योजना में जोड़ने के लिए जब आन्ध्रप्रदेश से दीदी लोग आये तब उन्होंने बचत करने के लिए तथा कम ब्याज में पैसे लेकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के बारे में हम सभी महिलाओं को जानकारी दी मैने भी यह जानकारी सुना और ध्यान से समझा और मैं समूह में जुड़ गई। समूह में जुड़ने के बाद सबसे पहले अपनी पति की ली हुई कर्जा को चुकाया तथा अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारा ऐसे ही दिन बितते गये। फिर हम लोग ग्राम संगठन से जुड़े तथा ग्राम संगठन में नई-नई योजनाओं को सुना तथा मन में विचार आया क्यों न मैं भी कुछ काम करू। मैंने अपने आसपास देखा कही कपड़े एवं फैंसी की दुकान नही है। क्यो न मैं भी यही काम करती हूँ। तब मैने समूह की महिलाओं से बात कही। मेरे समूह वाले भी पैसे देने के लिए तैयार हो गये। मैने 2,00,000 (दो लाख रू.) से दुकान चालू की तथा दो लाख रूपये समूह को चुकाने के बाद 5 लाख रूपये फिर से समूह से उठाई हूँ। और दुकान चला रही हूँ। मैं मेरे इस काम से बहुत खुश हूँ तथा मेरी आर्थिक स्थिति भी सुधार गई। आज मैं अपने पैरो पर खड़ी हो गई हूँ।
मैं भविष्य के लिए अपने इस व्यवसाय को आगे बढाना चाहती हूँ। अभी मेरा दुकान छोटा है, मैं अपने इस दुकान को डबल मंजिल का बनाना चाहती हूँ। मेरी आय में बढ़ोत्तरी हो और फैंसी और कपड़ा दुकान को अलग-ललग खोलना चाहती हूँ और साथ में हार्डवेयर का दुकान भी डालना चाहती हूँ।