बिहार विधानसभा में वेल में आकर सीएम नीतीश के खिलाफ नारेबाजी, विशेष राज्य और बढ़े आरक्षण की मांग
पटना.
17वीं बिहार विधानसभा के 12वें सत्र के दो दिन तक विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव नहीं आए। आज बिहार सरकार सदन में एंटी पेपरलीक बिल पेश करेगी। विपक्षी सदस्य वेल में आकर लगातार नारेबाजी करते रहे तो कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह साढ़े 11 बजे से पहले बिहार विधानसभा की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्षी सदस्य वेल में आकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। विशेष राज्य और बढ़े आरक्षण को लेकर हंगामा कर रहे विपक्षी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सदन की कार्यवाही देखने आए बच्चों के सामने इज्जत बनाए रखने की दुहाई देते हुए टोका, लेकिन बात नहीं बनी। अध्यक्ष ने कहा कि अपनी इज्जत बचाइए, बच्चे आपके बारे में क्या राय लेकर जाएंगे? लेकिन, इसपर भी बात नहीं बनी। मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी उठकर कहा कि जिन सवालों पर विपक्ष हंगामा कर रहा है, उसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबकुछ साफ-साफ कह चुके हैं। आरक्षण भी बढ़ा दिया गया था और जब पटना हाईकोर्ट ने रोक लगाई तो इसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट भी गई है। इस बात पर हंगामे की कोई वजह नहीं है। सरकार आगे भी जवाब देने के लिए तैयार है। जब मंत्री की इस बात पर भी विपक्षी विधायक शांत नहीं हुए तो अध्यक्ष ने दोपहर बाद दो बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। बुधवार को बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सड़क, पुल और पुलियों पर विधायकों ने सरकार को घेरा। सरकार से पूछा गया कि क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों की हालत ऐसी क्यों है और इसे बनाने में क्यों परेशानी आ रही है? सरकार की ओर से मंत्री अशोक चौधरी ने जवाब दिया, लेकिन विधायक यह जानना चाह रहे थे कि कब काम किया जाएगा? इस दौरान विपक्षी विधायक वेल में आकर नारेबाजी करते रहे। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव विपक्षी विधायकों को वेल से लौटकर सीट पर जाने के लिए कहते रहे, लेकिन हंगामा नहीं रुक रहा।