झारखंड सिमडेगा के 12 दारोगा फिर से बने सिपाही, घूंसखोरी पर हाईकोर्ट का सरकार को आदेश
सिमडेगा.
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने 12 दारोगा का डिमोशन कर दिया है। उन्हें फिर से सिपाही बना दिया है। इससे संबंधित आदेश मंगलवार को झारखंड पुलिस के कार्मिक विभाग ने जारी किया है। इन पुलिसकर्मियों को नक्सलियों से लोहा लेने के बाद गलेंट्री आवार्ड दिया गया था। इसी आधार पर इन पुलिसकर्मियों को सिपाही से दारोगा में प्रोन्नति दी गई थी।
बता दें कि सिमडेगा जिला बल में पदस्थापित पुलिसकर्मी अरुण कुमार ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया कि सरकार अपने आदेश को रिवर्ट करे, क्योंकि गलेंट्री में आउट ऑफ टर्म प्रमोशन नहीं हो सकता।
कौन-कौन दारोगा से वापस सिपाही बने —
0- धनंजय कुमार सिंह, वर्तमान में बोकारो जिला बल
0- रमाकांत राय, वर्तमान में पलामू जिला बल
0- विशु उरांव, वर्तमान में सरायकेला जिला बल
0- मारवाड़ी उरांव, वर्तमान में देवघर जिला बल
0- सालन पॉल, वर्तमान में धनबाद जिला बल
0- योध्या उरांव, वर्तमान में देवघर जिला बल
0- महेश्वर महतो, वर्तमान में रामगढ़ जिला बल
0- भूतनाथ सिंह मुंडा, वर्तमान में चाईबासा जिला बल
0- सुखराम नाग, वर्तमान में बोकारो जिला बल
0- मोहम्मद अबरार, वर्तमान में हजारीबाग जिला बल
0- उपेंद्र कुमार राय, वर्तमान में सरायकेला जिला बल
0- संजय कुमार शर्मा, वर्तमान में बोकारो जिला बल
यह भी जानिए: रंगेहाथ गिरफ्तारी से पहले डीआईजी को देनी होगी सूचना —
एंटी करप्शन ब्यूरो में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद रंगेहाथ गिरफ्तारी के लिए डीआईजी को पहले सूचित करना होगा। भ्रष्टाचार के मामलों में शिकायत के बाद ट्रैपिंग की कार्रवाई हो, इसके लिए डीआईजी एसीबी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। एसीबी के पांच प्रमंडलों में एसपी को आदेशित किया गया है कि ट्रैपिंग की शिकायत आने पर वह इसकी जानकारी डीआईजी को जरूर दें। एसीबी की ट्रैपिंग में विवाद न हो, इस दिशा में काम करते हुए एसीबी डीजी ने यह कदम उठाया है। भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद ट्रैपिंग के मामले में एसीबी थाने के द्वारा अपने स्तर से जांच करायी जाती है। प्रथम दृष्टया शिकायत की जांच में पुष्टि के बाद मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में संदिग्ध सरकारी सेवक की गिरफ्तारी रंगेहाथ की जाती रही है।