प्रधानमंत्री काॅलेज ऑफ एक्सीलेंस में प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया के नए नियम परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं
भोपाल
प्रधानमंत्री काॅलेज ऑफ एक्सीलेंस और स्वायत्तशासी कालेजों में प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया के नए नियम परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। इसमें पांच साल का शैक्षणिक अनुभव का नियम प्राध्यापकों की भर्ती में रोड़ा बनता दिखाई दे रहा है। इस नियम के चलते प्रदेश के 2800 सहायक प्राध्यापक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं। ये प्राध्यापक आवेदन तक नहीं भर पा रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री काॅलेज ऑफ एक्सीलेंस में प्राध्यापकों के 1800 पद भरे जाने हैं। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में 55 प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस इसी शैक्षणिक सत्र से शुरू हो चुके हैं। 14 जुलाई से इसका शुभारंभ भी कर दिया गया है।
पांच साल के अनुभव वाले नहीं कर पाएंगे आवेदन
भर्ती प्रक्रिया के अनुसार, 2019 के नियमित सहायक प्राध्यापक इसके लिए आवेदन ही नहीं कर पाए हैं। इसका कारण उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पांच वर्ष का अनुभव अनिवार्य करना है। प्राध्यापकों का कहना है कि अकादमिक लेवल-10 के पदों को लेवल 11, 12 या 13 से भरा जाता है तो भविष्य में वेतन आहरण नहीं हो पाएगा। यह प्रक्रिया स्वयं में ही उलझी है।
पहले से पदस्थ प्राध्यापक भी नहीं कर रहे आवेदन
प्राध्यापक प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष डा. आनंद शर्मा का कहना है कि प्रधानमंत्री काॅलेज ऑफ एक्सीलेंस में भर्ती के लिए प्राध्यापकों को फिर से चयन प्रक्रिया में शामिल होना होगा। इन कालेजों में जो प्राध्यापक पहले से पदस्थ हैं, वे भी आवेदन नहीं कर रहे हैं। अगर आवेदन नहीं करेंगे तो उन्हें वहां से हटाया जाएगा।
चयन प्रक्रिया के मापदंड बने बाधा
चयन के मापदंड प्राध्यापक, सह प्राध्यापक व सहायक प्राध्यापक के चयन के लिए 100 अंक होंगे।
आवेदक को नेट, स्लेट, पीएचडी धारक होना अनिवार्य है।
प्राध्यापक व सह प्राध्यापक के लिए अनुभव के साथ ही विगत पांच वर्षों की गोपनीय चरित्रावली के आधार पर निर्धारित स्कोर अर्जित करना होगा।
प्रशासकीय कार्यों में सहभागिता जैसे प्रवेश प्रक्रिया, परीक्षा, एनसीसी व एनएसएस या विभिन्न समितियों में कार्य किए हों।
साथ ही यूजीसी के जर्नल में कम से कम पांच शोध पत्र प्रकाशित किए गए हों।
इसके अलावा जिन कालेजों के लिए आवेदन कर रहे हैं, उन कालेजों के विकास के लिए विजन, मिशन एवं लक्ष्य के साथ करीब 500 शब्दों में कार्ययोजना प्रस्तुत करनी होगी।
इन सभी पर अंक दिए जाएंगे। इसके अलावा 20 अंक साक्षात्कार के होंगे।