September 24, 2024

किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज का होगा कायाकल्प, 200 साल से ज्यादा पुरानी है बिल्डिंग

0

इंदौर

मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में महाराजा यशवंत राव अस्पताल के पास स्थित पुराने मेडिकल कॉलेज के नाम से मशहूर किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज की ऐतिहासिक बिल्डिंग का जीर्णोद्धार किया जाएगा. इसके बाद इसके दोबारा उपयोग पर फैसला लिया जाएगा. किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज की ऐतिहासिक बिल्डिंग का इतिहास भी दिलचस्प है. इस बिल्डिंग का निर्माण अंग्रेजों के जमाने में हुआ था.

बताया जा रहा है कि इस तरह की सिर्फ तीन बिल्डिंग हैं. कलेक्टर आशीष सिंह ने बुधवार (24 जुलाई) को 200 साल से ज्यादा पुरानी ऐतिहासिक बिल्डिंग का निरीक्षण पूरा करने के बाद ये जानकारी दी. कलेक्टर आशीष सिंह आर्किटेक्ट के साथ यहां पहुंचे. इस बिल्डिंग का निर्माण अंग्रेजों के जमाने में हुआ था. यह अनूठी वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है.

कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि बिल्डिंग के संरक्षण के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज से बात की जाएगी. सीएसआर फंड से इसका जीर्णोद्धार किया जाएगा. सबसे पहले जीर्णोद्धार का एस्टीमेट तैयार किया जाएगा और फिर सीआरएस फंड दिलाने के लिए एजेंसी तलाशी जाएगी. इसके बाद काम शुरू होगा. हम इसके मूल ढांचे को बनाए रखने की कोशिश करेंगे. आखिरकार इसके उपयोग पर फैसला किया जाएगा.

एक साल पहले हुआ था लाइब्रेरी बनाने का फैसला
महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदारों ने किंग एडवर्ड मेडिकल (केईएम) स्कूल की 145 साल पुरानी इमारत को मेडिकल छात्रों के लिए लाइब्रेरी के रूप में बहाल करने का फैसला एक साल पहले किया था. केईएम स्कूल एक मेडिकल कॉलेज के परिसर में स्थित है. इसे बहाल करने का प्रस्ताव कई सालों से अधर में लटका हुआ है.

कॉलेज ने इस काम के लिए करीब एक करोड़ रुपये का बजट भी बनाया था. केईएम स्कूल की स्थापना 1848 में हुई थी. एमजीएम करीब एक सदी बाद 1953 में अस्तित्व में आया. केईएम स्कूल फ्रेंच गोथिक शैली की वास्तुकला का एक उदाहरण है और यह शहर के युवाओं के बीच ‘हॉगवर्ट्स’ के नाम से भी मशहूर है. केईएम स्कूल के पीछे के मैदान में छात्रों के लिए ट्रैक, बैडमिंटन कोर्ट और अन्य खेल सुविधाएं विकसित करने की भी योजना तैयार की गई थी, लेकिन वक्त के साथ सब कुछ हवा हो गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *