वास्तु शास्त्र के अनुसार जानें झाड़ू से जुड़े नियम
घर की साफ-सफाई के लिए हम सभी झाड़ू का इस्तेमाल करते हैं। झाड़ू की मदद से आप अपने घर से नकारात्मक तत्वों को दूर कर सकते हैं, उसे साफ-सुथरा रख सकते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ा सकते हैं। प्रचलित मान्यता में झाड़ू को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी शुद्ध स्थान पर निवास करती हैं। वास्तु शास्त्र में घरों में कई नियम होते हैं जो यह तय करते हैं कि कौन सी चीज कहां रखनी चाहिए। जब झाड़ू की बात आती है तो लोग इसे पूरे घर में इस्तेमाल करते हैं या फिर इसे सही जगह पर नहीं रखते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आपको इससे बचना चाहिए। आइए जानते हैं झाड़ू से जुड़े वास्तु के नियम।
घर के ईशान कोण में झाड़ू न रखें
वास्तु शास्त्र में ईशान कोण को महत्वपूर्ण माना गया है। आपके घर के उत्तर और पूर्व का कोना ईशान कोण कहलाता है। देवी-देवताओं की दिशा मानी जाती है। यह सकारात्मक ऊर्जा का भी केंद्र है। ऐसे में झाड़ू को ईशान कोण में न रखें। इससे आपके घर में वास्तु संबंधी कमियां हो सकती हैं। धन के आगमन में बाधा आती है। आर्थिक नुकसान होने की संभावना है।
आग्नेय कोण में न रखें झाड़ू
झाड़ू को आग्नेय कोण यानी दक्षिण पूर्व दिशा में न रखें। इसका संबंध अग्नि से है। यहां झाड़ू लगाने से नकारात्मक विचार फैल सकते हैं।
घर में झाड़ू कहाँ रखें?
वास्तु शास्त्र के अनुसार झाड़ू को घर से वायव्य या उत्तर पश्चिम दिशा में रखा जा सकता है। आप चाहें तो वहां पोछा भी रख सकते हैं। इन जगहों पर झाड़ू रखने से आपके भाग्य और समृद्धि में वृद्धि हो सकती है। झाड़ू को हमेशा लेटाकर और छिपाकर रखें।
अगर आप पूजा घर या किचन में झाड़ू रखते हैं तो आपको अपनी इस आदत को तुरंत बदल लेना चाहिए। इन दो जगहों पर भूलकर भी न रखें झाड़ू। इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
अक्सर झाड़ू टूट जाती है फिर भी लोग उसका भी उपयोग करते हैं। ऐसी झाड़ू को तुरंत हटा देना चाहिए। ऐसी झाड़ू वास्तु दोष से निहित होती है।
किस दिन लें नई झाड़ू
यदि आप पुरानी झाड़ू को हटाकर नई झाड़ू का उपयोग करते हैं तो वास्तु में उसके लिए नियम है। नई झाड़ू का उपयोग आप शनिवार के दिन करें तो अच्छा रहेगा। आप नई झाड़ू हमेशा कृष्ण पक्ष के शनिवार को खरीदें तो ठीक रहेगा, शुक्ल पक्ष में खरीदी गई झाड़ू अशुभ मानी जाती है।