November 25, 2024

झारखंड के संतोष गंगवार बने नए गवर्नर, सीपी राधाकृष्णन बने महाराष्ट्र के राज्यपाल

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रांची.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार रात झारखंड और छत्तीसगढ़ समेत आधा दर्जन राज्यों में नया राज्यपाल नियुक्त किया है। बरेली के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को झारखंड का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वहीं झारखंड के वर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को महाराष्ट्र का गवर्नर बनाया गया है। संतोष गंगवार झारखंड के 12वें राज्यपाल होंगे। छह बार सांसद रह चुके गंगवार भाजपा में लंबे समय तक सक्रिय रहे।

झारखंड के अलावा तेलंगाना, राजस्थान, सिक्किम, मेघालय, महाराष्ट्र, असम और पंजाब में नए राज्यपालों की नियुक्ति पर मुहर लगा दी है। इससे पहले राष्ट्रपति ने पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है। सीपी राधाकृष्णन ने 18 फरवरी 2023 को झारखंड के राज्यपाल का पदभार संभाला था। झारखंड विस द्वारा पारित कुछ विधेयकों को लौटाने के बाद सत्तापक्ष ने राज्यपाल से नाराजगी भी जताई थी। 11 नवंबर 2022 को विधानसभा के विशेष सत्र में तत्कालीन हेमंत सोरेन की सरकार ने ‘झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए अधिनियम, 2022’ पारित किया था। इसे आगे राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया था, जिसे दिसंबर 2023 में राज्यपाल ने लौटा दिया था। राज्य सरकार ने इस विधेयक को दोबारा पारित किया। इसी तरह राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड वित्त विधेयक, 2022 को विधानसभा को वापस लौटाया था।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने ओबीसी सहित अन्य श्रेणी के आरक्षण की सीमा बढ़ाने से संबंधित विधेयक ह्यझारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 को भी वापस लौटा दिया था। हाल में दी थी छह विधेयकों को दी स्वीकृति राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पिछले दिनों छह विधेयकों को स्वीकृति दी। इनमें झारखंड विनियोग (संख्या-1) विधेयक, 2024, झारखंड विनियोग (संख्या-2) विधेयक, 2024, झारखंड जमाकर्ताओं के संरक्षण विधेयक, 2024, झारखंड माल एवं सेवा संशोधन विधेयक, 2024, झारखंड विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2024 तथा झारखंड लोक कार्य संविदा विवाद माध्यस्थम न्यायाधिकरण विधेयक, 2024 शामिल हैं। हाल ही में कानून व्यवस्था पर जतायी थी चिंता उन्होंने विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने पर काफी जोर दिया और लंबित नियुक्तियों को भरने की दिशा में भी काफी प्रयास करते रहे। उन्होंने हाल ही में राज्य की गिरती कानून-व्यवस्था पर भी चिंता जताई थी।

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