डिंपल यादव ने आज लोकसभा में बोलते हुए केंद्र की एनडीए सरकार पर तंज कसा, ‘आवारा जानवरों ने देश को ‘चौकीदार’ बना दिया’
नई दिल्ली
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए केंद्र की एनडीए सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि पूरा देश 'चौकीदारों' में बदल गया है, जो आवारा पशुओं के खतरे के कारण सो नहीं पा रहे हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या केंद्रीय बजट में इस समस्या के समाधान के लिए कोई प्रावधान है? दरअसल, आज 23 जुलाई को पेश किए गए केंद्रीय बजट पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा जारी रही। केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान बोलते हुए डिंपल यादव ने किसानों और युवाओं के सामने आए कई मुद्दों को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया।
कृषि और युवा कल्याण को प्राथमिकता देने पर जोर
मैनपुरी से लोकसभा सांसद डिंपल ने अपने भाषण में कृषि और युवा कल्याण को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हमारा देश कृषि प्रधान देश है और अगर हम अपने युवाओं का भविष्य सुनिश्चित नहीं कर सकते तो हम अपने उद्देश्य से भटक जाएंगे।"
किसानों की आय दोगुनी करने के वादे पर घेरा
सपा सांसद ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के वादे पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "मैं पूछना चाहती हूं कि सरकार ने बजट में कृषि के लिए क्या आवंटित किया है? उत्तर प्रदेश को क्या मिला है? क्या पिछले 10 सालों में एक भी मंडी बनी है? क्या जीएसटी से कोई राहत मिली है?"
आवारा जानवर देश को चौकीदारों में बदल रहे
इस दौरान डिंपल यादव ने आवारा जानवरों के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि आवारा जानवरों का मामला देश को चौकीदारों में बदल रहा है। जानवरों की बढ़ती तादात की वजह से लोग अपने खेतों की रखवाली करने के लिए मजबूर होने के कारण सो नहीं पाते।
मैं भी चौकीदार अभियान पर किया सवाल
उन्होंने भाजपा के 2019 के 'मैं भी चौकीदार' अभियान का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या आवारा पशुओं की समस्या को हल करने के लिए बजट में कोई प्रावधान रखा गया है?
किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर सरकार को घेरा
इसके साथ ही डिंपल यादव ने किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 2020 और 2021 में तीन कृषि सुधार विधेयकों के विरोध में 700 किसानों ने अपनी जान गंवा दी और 2014 से 2022 तक एक लाख किसानों ने आत्महत्या की। किसानों की बीमा योजना से कितना लाभ हुआ है? पशु अर्थव्यवस्था चरमरा रही है, देश में महंगाई बढ़ रही है।