लखीमपुर केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में, सरकार ने जो एलान किया, BSP ने बाद में वही मांग लिया
लखनऊ
यूपी की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी और मायावती क्यों हाशिये जा रहे हैं उसका उदाहरण लखीमपुरखीरी कांड के बाद भी दिखाई दिया है। जघन्य कांड के बाद सीएम योगी ने खुद मॉनिटरिंग की और पीड़ितों के लिए मुआवजा समेत आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट से सजा की घोषणा की। उससे मायावती को राजनीति का मौका नहीं मिला। हद तो तब हो गई जब सीएम योगी के एलान के बाद बसपा की तरफ से वही मांग कर दी गई। मायावती के भतीजे आकाश आनंद की तरफ से किए गए ट्वीट बताते हैं कि बसपा न सिर्फ यूपी की राजनीति में पिछड़ गई है बल्कि ऐसे जघन्य मामलों में जिस तरह की तेजी दिखाई देनी चाहिए वह नहीं दिखी है।
बुधवार की रात जिले के निघासन में दो बहनों के साथ दरिंदगी और हत्या के बाद सीएम योगी की सख्ती से गुरुवार की दोपहर तक पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया। सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया। परिवार भी पुलिस प्रशासन से संतुष्ट हो गया और शाम तक शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सीएम योगी की तरफ से पीड़ित परिवार के लिए 25 लाख का मुआवजा, पक्का घर देने की घोषणा की गई। आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर एक महीने के अंदर सजा दिलाने का एलान भी सीएम योगी की तरफ से किया गया। रात करीब पौने ग्यारह बजे योगी का एलान पीड़ितों और मीडिया तक पहुंच गया। सीएमओ दफ्तर के ऑफिशियल हैंडल से एलान की घोषणा भी रात 11 बजकर 11 मिनट पर ट्वीट से हो गई। ट्वीट में साफ लिखा गया कि सीएम योगी की तरफ से पीड़िता के परिजनों को ₹25 लाख की आर्थिक सहायता, एक पक्का आवास एवं कृषि भूमि का पट्टा दिए जाने के निर्देश दिए हैं। यूपी सरकार की तरफ से हत्या के इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में प्रभावी पैरवी कर एक माह के भीतर दोषियों को उनके कृत्य की सजा दिलाई जाएगी।