झारखंड-रांची के आसपास मकान और जमीन पांच फीसदी महंगी, बुढ़मू के कोराबर गांव में सबसे सस्ती
रांची.
ग्रामीण क्षेत्र में जमीन और मकान एक अगस्त से महंगी हो जाएगी। रांची जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन-मकान की कीमत में एक समान पांच फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। नई दर एक अगस्त से लागू हो जाएगी। बढ़ी हुई दर से स्टांप और निबंधन शुल्क में आपको अपनी जेब ढीली करनी होगी। कृषि योग्य सबसे सस्ती जमीन बुढ़मू के कोराबर गांव की है। इसकी बढ़ी हुई दर 1677 रुपए प्रति डिसमिल है।
यहां आवासीय जमीन 3354 व व्यवसायिक जमीन 5900 रुपए प्रति डिसमिल है। सबसे महंगी जमीन कांके अंचल के बोड़ेया मौजा की है। कृषि योग्य जमीन 274811, आवासीय जमीन 549622 व व्यवसायिक जमीन 988807 रुपए प्रति डिसमिल है। इसी तरह अन्य अंचल की जमीन की दर में बढ़ोतरी की गई है। पिछली बार 2022 में 10 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई थी। उपायुक्त ने मंगलवार को नई दर पर हस्ताक्षर कर दिया है।
निबंधन कार्यालय में रजिस्ट्री के लिए भीड़
निबंधन कार्यालय में मंगलवार को भीड़ रही। अन्य दिनों की अपेक्षा प्रॉपर्टी की अधिक रजिस्ट्री हुई। वर्तमान दर पर सिर्फ एक दिन 31 जुलाई को जमीन-मकान की रजिस्ट्री होगी। एक अगस्त को नई दर अपलोड किया जाएगा। दो अगस्त से ग्रामीण इलाके की रजिस्ट्री शुरू होगी।
स्टांप और निबंधन शुल्क ज्यादा लगेगा
इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ोतरी की गई है। पिछले साल शहरी क्षेत्र की जमीन और मकान की कीमतों में वृद्धि की गई थी। रजिस्ट्री के दौरान सरकार द्वारा तय मूल्य का 7 प्रतिशत स्टांप और निबंधन शुल्क के रूप में भुगतान करना पड़ता है। इसमें बढ़ोतरी से स्टांप और निबंधन शुल्क ज्यादा लगेगा।
प्रत्येक दो वर्ष पर न्यूनतम मूल्य किया जाता है तय
भू-राजस्व एवं निबंधन विभाग प्रत्येक दो साल पर जमीन-मकान की खरीद-बिक्री के लिए न्यूनतम मूल्य तय करता है। मकान को तीन और जमीन को चार श्रेणियों में बांटा गया है। मकान को कच्चा, पक्का और डीलक्स संरचना और जमीन को कृषि, औद्योगिक, व्यावसायिक और आवासीय कार्य में बांटा गया है।