October 1, 2024

नामीबिया से ग्वालियार पहुंचे आठ चीते, चिनूक हेलिकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क होंगे रवाना

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श्योपुर
देश में 70 साल बाद चीतों की वापसी होने वाली है। नामीबिया से आठ चीतों को लाने वाला विशेष चार्टर्ड कार्गो विमान मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर लैंड हो गया है। इन्हें अब सेना के हेलीकॉप्टर में शिफ्ट किया जा रहा है। कुछ देर बाद सेना का हेलिकॉप्टर कूनो नेशनल पार्क के लिए रवाना होगा। अपने जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्हें नेशनल पार्क के बाड़े में छोड़ेंगे।

ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचे नरोत्तम मिश्रा
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंच गए हैं। वे यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी करेंगे। उन्होंने कहा कि चीतों के आने की शुरुआत हो चुकी है।

चिनूक हेलिकॉप्टर से ले जाया जाएगा नेशनल पार्क
नामीबिया से ग्वालियर पहुंचे आठ चीतों को सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा।

लगातार निगरानी में रहेंगे चीता
सभी चीतों की एक महीने तक निगरानी की जाएगी। इन्हें सैटेलाइट रेडियो कॉलर पहनाया गया है ताकि इनकी लोकेशन मिलती रहे। प्रत्येक चीते की निगरानी के लिए एक व्यक्ति की नियुक्ति की गई है जो इनकी गतिविधियों और अपडेट की जानकारी देगा।

चीतों के साथ भारत पहुंचे वन्यजीव विशेषज्ञ
चीतों के साथ क्रू, वन्यजीव विशेषज्ञ, डॉक्टर्स, वैज्ञानिक, नामीबिया में भारत के हाई कमिश्नर भी मध्य प्रदेश पहुंचे हैं। इसके अलावा चीता एक्सपर्ट लॉरी मार्कर अपने तीन बायोलॉजिस्ट के साथ मौजूद हैं।

मध्य प्रदेश को मिला सबसे बड़ा गिफ्ट
चीतों के मध्य प्रदेश पहुंचने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'राज्य के लिए इससे बड़ा कोई तोहफा नहीं है कि नामीबिया से चीते कुनो नेशनल पार्क आ रहे हैं। वे विलुप्त हो गए थे। उन्हें पुनर्स्थापित करना एक ऐतिहासिक कदम है। यह इस सदी की सबसे बड़ी वन्यजीव घटना है। इससे मध्य प्रदेश में पर्यटन को तेजी से बढ़ावा मिलेगा।'

चीता मित्र से मुलाकात करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल चीता मित्रों से मुलाकात करेंगे। पार्क के आसपास रहने वाले लोग चीतों से डरकर उन्हें नुकसान ना पहुंचाएं इसी कारण सरकार ने चीता मित्र बनाए हैं। सरकार ने 90 गांवों के 457 लोगों को चीता मित्र बनाया है। इनमें सबसे बड़ा नाम रमेश सिकरवार का है जो पहले डकैत थे। अब उन्होंने चीतों की रक्षा करने की कसम खाई है।

चीतों को छोड़ने का सुअवसर मिलेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'देश में वन्यजीवों के संरक्षण के प्रयासों को कल एक नई ताकत मिलेगी। नामीबिया से लाए जा रहे चीतों को करीब 10:45 बजे मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ने का सुअवसर मिलेगा। इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे श्योपुर में आयोजित एसएचजी सम्मेलन में भाग लूंगा।'

1952 में हुए थे विलुप्त घोषित
चीतों को 1952 में आजादी के कुछ सालों बाद विलुप्त घोषित कर दिया गया था। नामीबिया के साथ 12 साल तक चली बातचीत के बाद आखिरकार आज आठ चीतों ने भारत की धरती पर कदम रखा है। अपने 72वें जन्मदिन के मौके पर पीएम मोदी इन्हें कूनो नेशनल पार्क में विशेष रूप से बने बाड़े में छोड़ेंगे। पीएम सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसके बाद वह श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क के लिए रवाना हो जाएंगे।

तीन नर, पांच मादा चीता पहुंचे भारत
नामीबिया से भारत जो आठ चीते पहुंचे हैं उनमें पांच मादा और 3 नर शामिल हैं। इन्हें एक विशेष कार्गो विमान के जरिए लाया गया है। इन्हें कूनो नेशनल पार्क में बने विशेष बाड़े में रखा जाएगा। जहां ये कुछ समय के लिए क्वारंटाइन रहेंगे। एक महीने तक इनपर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इसके बाद इन्हें संरक्षित और खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

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