जैन संवेदना ट्रस्ट ने बच्चों में बढती हिंसक प्रवृत्ति पर जताई गहरी चिन्ता
रायपुर
जैन संवेदना ट्रस्ट ने राजधानी में दसवीं के छात्र की ग्यारहवीं के छात्रों द्वारा की गई हत्या पर गहरी चिंता व्यक्त की है। मृत बच्चे के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि इन दिनों बच्चों में सहनशीलता, धैर्य, सौहार्द, सद्भाव एवं संस्कारों में कमी देखी गई है जो कि गहरी चिंता का विषय है। जैन संवेदना ट्रस्ट ने गुरुपूर्णिमा के अवसर पर समस्त गुरुजनों, प्रथम गुरु माता पिता से संस्कार युक्त शिक्षा पर जोर देने की अपील की है। ऐसा देखा जा रहा है कि इंटरनेट कम्प्यूटर मोबाईल की इस दुनिया में बच्चे सहनशीलता व धैर्य खोते चले जा रहे हैं, जिसके फलस्वरूप इस प्रकार की हत्या की घटना परिलक्षित हो रही है। माता पिता व गुरुजन भी बच्चों को रोकटोक करने में असहाय महसूस कर रहे हैं , न जाने वे किस अज्ञात भय से ग्रसित हैं। बच्चों में जिद, हठधर्मिता व उतावलापन आम बात हो गई है, अनुशासनहीनता उदंडता का बोलबाला है।
महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने बताया कि बच्चों की इस मानसिक स्थिति को देखते हुए जैन संवेदना ट्रस्ट ने दो चरण में कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में स्कूलों में जाकर गुरुजनों के लिये कार्यशाला आयोजित की जावेगी। नैतिकता की सुर सरिता में शीर्षक से आयोजित कार्यशाला में बच्चों को सत्य, अहिंसा, नैतिक मूल्य, सहनशीलता, सौहार्द , प्रेम भाईचारा , आदि मूल्यपरक शिक्षा हेतु गुरुजनों को प्रशिक्षण दिया जावेगा। जिससे गुरुजन बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा अच्छी तरह दे सकेंगे। द्वितीय चरण में जैन संवेदना ट्रस्ट द्वारा बच्चों के लिए संयममय जीवन हो शीर्षक से कार्यशाला आयोजित की जावेगी जिसमें बच्चों को अनुशासन , धैर्य , सहनशीलता, सदाचार इत्यादि गुणों का विकास कैसे हो यह बताया जायेगा। कार्यशाला 16 जुलाई से आरम्भ की जा रही है।