November 16, 2024

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने साफ इनकार कर दिया, अल्लामा इकबाल ने तोड़ा भारत, उनके बारे में नहीं पढ़ाएंगे

0

नई दिल्ली
 है कि कवि अलाम्मा इकबाल के बारे में नहीं पढ़ाया जाएगा। उन्होंने इकबाल को भारत के विभाजन की बड़ी वजह भी करार दिया है। उन्होंने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद किया है। उन्होंने छात्रों से देश की एकता और अखंडता के साथ समझौता नहीं करने की अपील की है।

बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान कुलपति योगेश सिंह ने कहा कि इकबाल के बारे में सभी को अपना विचार रखने का अधिकार है, लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि DU देश की एकता और अखंडता के साथ समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि डीयू राष्ट्रपति महात्मा गांधी, भारत रत्न डॉक्टर बीआर आंबेडकर और विनायक दामोदर सावरकर के बारे में पढ़ाया जाएगा।

उन्होंने कहा, 'इकबाल भारत के विभाजन की शुरुआत करने वाले थे। वह पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के सलाहकार थे।' कुलपति सिंह ने कहा, 'उन्होंने 1904 में गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर का छात्र रहते हुए सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा लिखा। उन्होंने तराना-ए-हिंद भी लिखा, लेकिन खुद ने कभी भी इसे स्वीकार नहीं किया।'

उन्होंने कहा, 'देश की सुरक्षा हर नागरिक का पहला कर्तव्य है।' सिंह का कहना है कि देशभक्ति की भावना तैयार करना विश्वविद्यालयों का काम है। उन्होंने कहा, 'शिक्षा और शोध के साथ-साथ विश्वविद्यालयों को ऐसे विचार भी तैयार करना चाहिए, जो राष्ट्र पर कभी संकट आने पर देश के लिए एकजुट खड़े हो सकें।' उन्होंने यह भी कहा कि कोई नहीं चाहता था कि भारत का बंटवारा हो, लेकिन किसी ने भी इसके खिलाफ विरोध नहीं किया।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा, 'डॉक्टर बीआर आंबेडकर ने खुद भी बंटवारे के दर्द को झेला था। बंगाल के जिस इलाके से वह निर्वाचित हुए थे, वह पूर्वी पाकिस्तान में शामिल हो गया।'

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *