राजस्थान में मिलाजुला बंद, जिलों में पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी से बनी शांति
जयपुर.
राजधानी जयपुर में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। दलित समाज के नेता और प्रतिनिधियों ने अल्बर्ट हॉल पर एकत्रित होकर नारेबाजी की और रैली निकाली। गौरतलब है कि व्यापार संघ ने बंद को अपना समर्थन नहीं दिया है लेकिन फिर भी सतर्कता के तौर पर बाजार बंद ही रहे।
अलवर शहर सहित जिले भर में भारत बंद का असर देखने को मिला। मीणा समाज के लोग रूपबास स्थित जगन्नाथ मंदिर पर हाथों में झंडे लेकर एकत्रित हुए और नारेबाजी की। बंद को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है। बाजारों में दुकानें बंद हैं, जिसके चलते पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है। जो दुकान खुली हुई हैं आंदोलनकारी उन्हें बंद करवा रहे हैं लेकिन अब तक जिले में पूरी तरह शांति का माहौल है।
भारत बंद के असर के चलते अजमेर के सभी बाजार पूरी तरीके से बंद नजर आए। आम दिनों में जिन बाजारों में भीड़ रहती थी, आज वहां सन्नाटा पसरा दिखा। शहर के नया बाजार, केसरगंज, आगरा गेट, वैशाली नगर सहित बाजार बंद रहे। वहीं अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में भी जायरीनों की भीड़ कम देखी गई और दरगाह में सन्नाटा दिखाई दिया, इसके अलावा दरगाह बाजार की सभी दुकानें बंद होने से बाहर से आने वाले जायरीनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अजमेर बंद को लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरीके से मुस्तैद दिखाई दिया और शहर के प्रमुख बाजारों व चौराहों पर पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता मौजूद रहा। बंद के दौरान किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए अभय कमांड सेंटर के सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही है।
झुंझुनू जिला मुख्यालय समेत पूरे जिले में सुबह से ही भारत बंद का व्यापक असर देखा जा रहा है। मुख्य सड़कों पर स्थित दुकानदारों ने स्वत: ही अपने प्रतिष्ठान नहीं खोले हैं। हालांकि गलियों के अंदर कुछ छोटी-मोटी दुकानें जरूर खुली हुई हैं। वही झुंझुनू के गांधी चौक पर भारत बंद के समर्थित लोगों का धीरे-धीरे जमावड़ा होना शुरू हो गया है और बंद करवाने के लिए डीजे के साथ एक टोली सड़कों पर भ्रमण कर रही है। दोपहर बाद आंदोलनकारी झुंझुनू के गांधी चौक पर इकट्ठे होंगे और यहां से रैली के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचेंगे, जहां पर झुंझुनू जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा।
चित्तौडगढ़ में एससी-एसटी संगठनों से भेंट के बाद जिला मुख्यालय पर व्यापार संघ ने 1 बजे तक बंद को समर्थन दिया था। ऐसे में बाजार में बंद का असर देखा जा रहा है। सड़कों पर भी आमजन की आवाजही कम ही दिखाई दी है, फिर भी कई प्रतिष्ठान खुले भी देखे गए हैं। वंचित दलित वर्ग और वाल्मीकि समाज के साथ ही भील समाज इस बंद से दूर रहा है। शहर में दुर्ग मार्ग स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा स्थल से एक जुलूस रवाना हुआ, जो कलेक्ट्रेट चौराहा पहुंचकर संपन्न हुआ। इसके बाद अपनी मांग को लेकर एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया। आरक्षण से वंचित रही जातियों ने भारत बंद का पूर्णत: विरोध किया है।
भारत बंद के आह्वान का जालौर जिले में मिलाजुला असर देखने को मिला। कुछ दुकानों को छोड़कर बाजार में दुकानें खुली हुई हैं। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए चप्पे – चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। बाजार में पुलिस अधिकारी गश्त कर रहे हैं।