November 28, 2024

साइरस मिस्त्री की जिस हाईवे पर हुई मौत, वहां इस साल 62 लोगों की गई जान; इतने हादसों की वजह क्या?

0

मुंबई
टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की महाराष्ट्र के पालघर जिले में इस महीने में कार हादसे में मौत हो जाने की खबर ने देशवासियों को सकते में डाल दिया। आधिकारिक आंकड़े दर्शाते हैं कि हाईवे के इस हिस्से पर सड़क दुर्घटनाएं काफी आम हैं। ठाणे के घोड़बंदर और पालघर जिले के दपचारी के बीच मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग के 100 किलोमीटर के हिस्से में इस साल 262 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 62 लोगों की मौत हुई है और 192 लोग घायल हुए हैं।

इनमें से कई हादसे अत्यधिक तेज गति में वाहन चलाने या चालक की ओर से अंदाजा लगाने में चूक होने के कारण हुए। अधिकारियों ने बताया कि सड़कों का खराब रख-रखाव, उचित संकेतकों की कमी और गति पर अंकुश लगाने के उपायों का अभाव समेत अन्य कारण भी कई दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं।

25 गंभीर हादसों में 26 लोगों की मौत
महाराष्ट्र राजमार्ग के पुलिस अधिकारी ने बताया कि चरोटी के निकट हाईवे के जिस हिस्से पर मिस्त्री की कार 4 सितंबर को दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, उस पर इस साल की शुरुआत से अब तक 25 गंभीर हादसों में 26 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि चिन्चोती के पास वाले हिस्से में इसी अवधि में 35 गंभीर हादसों में 25 लोगों की मौत हो चुकी है और मानोर के निकट 10 हादसों में 11 लोगों की जान गई है। हादसों के मामले में चिरोती और मुंबई की तरफ करीब 500 मीटर का हिस्सा काफी खतरनाक है।

अधिकारी ने बताया कि मुंबई की ओर जाते समय सड़क सूर्य नदी के पुल से पहले मुड़ती है और तीन लेन का मार्ग दो लेन में तब्दील हो जाता है, लेकिन वाहन चालकों को इस बारे में पहले से सूचित करने के लिए सड़क पर उपयुक्त संकेतक नहीं हैं। पालघर में सूर्य नदी पर बने एक पुल के डिवाइडर से कार टकराने के बाद मिस्त्री (54) और उनके मित्र जहांगीर पंडोले की मौत हो गई थी। कार चला रहीं अनाहिता पंडोले (55) और उनके पति डेरियस (60) गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों की हुई अनदेखी?
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारतीय सड़क कांग्रेस के सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों की उन लोगों ने अनदेखी की, जो सड़क के रखरखाव के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि यह सड़क भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के दायरे में आती है, लेकिन टोल वसूलने वाली निजी एजेंसी के पास रखरखाव की जिम्मेदारी है।

अधिकारी के मुताबिक, दिशा-निर्देशों के तहत हर 30 किलोमीटर पर एक एम्बुलेंस को तैयार रखा जाना चाहिए और एक क्रेन व गश्त करने वाले वाहन भी होने चाहिए। महाराष्ट्र पुलिस ने 4 सितंबर को हुए हादसे के मद्देनजर लागू किए जा सकने वाले सुरक्षा उपायों को लेकर विशेषज्ञों की राय मांगी है। इसके लिए सरकार ने केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान को पत्र लिखकर सड़क सुरक्षा संबंधी लेखा परीक्षा कराने को कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *