November 24, 2024

बांग्लादेश-ढाका में एक महीने बाद फिर दौड़ी मेट्रो, प्रदर्शन के चलते थमी जिंदगी पटरी पर लौट रही

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ढाका.

बांग्लादेश में शेख हसीना के शासन के खिलाफ शुरू हुई हिंसा अब भले ही थम गई है, लेकिन तनाव बना हुआ है। हालांकि, हालातों को धीरे-धीरे सामान्य करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। एक महीने से बंद पड़ी ढाका मेट्रो की सेवा को रविवार को फिर से शुरू कर दिया गया है।

आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, मीरपुर 10 और काजीपारा स्टेशन हालांकि बंद रहेंगे। ढाका मेट्रो की सेवा के बहाल होने से यात्रियों, विशेष रूप से छात्रों और कार्यालय जाने वालों ने राहत की सांस ली क्योंकि उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए रोजाना यातायात भीड़ से गुजरना पड़ता था।

आज सुबह सात बजे हुई मेट्रो सेवा बहाल
बताया जा रहा है कि मेट्रो सेवा सुबह करीब सात बजे बहाल हुई। बता दें, जुलाई में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मीरपुर-10 और काजीपारा स्टेशनों पर तोड़फोड़ की गई थी। ढाका मेट्रो की सेवाएं जुलाई के तीसरे सप्ताह में यात्रियों के लिए बंद कर दी गई थीं।

तोड़फोड़ से बचाने के लिए बना रहे योजना
सड़क परिवहन एवं संचार सलाहकार मुहम्मद फौजुल कबीर खान ने कहा, 'हम मेट्रो को सुरक्षा के साथ एक महत्वपूर्ण स्थल बनाने की योजना बना रहे हैं ताकि इसे किसी भी तरह की तोड़फोड़ से बचाया जा सके।' उन्होंने मेट्रो में अगरगांव स्टेशन से बांग्लादेश सचिवालय तक की यात्रा की।

यात्रियों को मिली राहत
ढाका हाईकोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने अपने कार्यालय जाने के लिए रविवार को मेट्रो का इस्तेमाल किया। मेट्रो शुरू होने से उनके जैसे दैनिक यात्रियों को एक बड़ी राहत मिली है।

दो साल पहले शुरू की थी मेट्रो सेवा
बांग्लादेश ने 28 दिसंबर, 2022 को दुनिया के सबसे भीड़भाड़ वाले शहरों में से एक राजधानी ढाका में यात्रा को आसान बनाने के लिए जापानी सहायता से अपनी पहली मेट्रो रेल सेवा शुरू की थी। ढाका एमआरटी लाइन छह कहा जाता है। यह शुरू में उत्तर उत्तर से अगरगांव तक 11.73 किलोमीटर तक संचालित होती थी, जिसमें नौ स्टेशन शामिल थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने परियोजना का उद्घाटन किया था। पिछले साल नवंबर में आगरगांव से मोतीझील तक के खंड का आठ स्टेशन तक मेट्रो का संचालन बढ़ाया गया।

यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान कई जगहों पर हिंसा हुई थी और सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। इन मामलों के बाद पांच अगस्त को जबरदस्त प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत चली गई थीं।

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