केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान दोबारा बने LJP-R के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सरकार NDA की ही बनेगी
रांची
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक में अगले 5 साल के लिए एक बार फिर से अध्यक्ष चुना गया। पार्टी ने सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी जानकारी दी, जिसमें कहा गया कि पार्टी को आपके कुशल नेतृत्व पर पूर्ण भरोसा है और पार्टी आपके मार्गदर्शन में एक नई ऊंचाई हासिल करेगी।
दरअसल, रांची में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी की हुई बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान लोजपा ने झारखंड में विधानसभा चुनाव लडने का विकल्प खुला रखा है। बैठक में यह जिम्मेदारी राज्य इकाई को दी गई कि वह एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने या अकेले चुनाव लड़ने पर निर्णय लें। वहीं, चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी झारखंड में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन सीटों को लेकर तालमेल नहीं हो सका तो पार्टी अकेले भी चुनाव लड़ सकती है। उन्होंने कहा कि अभी तक राज्य स्तर पर ही बात हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर अभी कोई बात नहीं हुई है। पासवान ने कहा कि अकेले चुनाव लड़ने पर पार्टी कम से कम 40 सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी। लोजपा गठबंधन के तहत चुनाव लड़े या अकेले, सरकार एनडीए की ही बनेगी।
बढ़ सकती है NDA की परेशानी!
चिराग पासवान की पार्टी झारखंड में 28 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इसकी लिस्ट पार्टी आलाकमान को भेजी जा चुकी है, जिस पर रांची में आज आयोजित बैठक में चर्चा होने की संभावना थी। इसके अलावा ये भी जानकारी है कि लोजपा रामविलास हरियाणा और पश्चिम बंगाल में भी चुनाव लड़ने वाली है। चिराग पासवान के झारखंड में 28 सीटों पर चुनाव लड़ने के दावों के बाद NDA में हलचल है। एक ओर बीजेपी सभी 81 सीटों पर झारखंड में चुनाव लड़ने वाली है, तो वहीं जेडीयू ने भी 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है। जेडीयू ने अपने 11 सीटों की सूची भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेज दी है। ऐसे में अगर चिराग पासवान 28 सीटों पर चुनाव लड़ते हैं, तो NDA की परेशानी में इजाफा तय है।
बता दें कि बैठक से पहले रांची पहुंचने पर चिराग पासवान ने कहा कि मेरा जब जन्म हुआ था तो उस समय झारखंड -बिहार एक था और मैं एक बिहारी हूं। पासवान ने कहा कि मैं झारखंड को एक मजबूती देने का भी काम करूंगा। आने वाले दिनों में पार्टी झारखंड में मजबूती से चुनाव लड़े और मजबूती उपस्थिति बने।