प्रतिभा खोज अभियान ने बदली 410 महिलाओं की जिंदगी , टाटा ग्रुप में मिली नौकरी
नांदेड़
महाराष्ट्र के नांदेड़ के ग्रामीण इलाकों में 12वीं की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली 400 से अधिक महिलाओं को हाल में जिला प्रशासन की एक पहल के तहत टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) से नौकरी के प्रस्ताव मिले हैं. यह पहल सहायक कलेक्टर कीर्तिकिरण पुजार ने की, जो मराठवाड़ा में नांदेड़ के किनवट क्षेत्र में एकीकृत जनजाति परियोजना के प्रमुख हैं. जिले के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘किनवट में प्रतिभा खोज अभियान के दौरान चुनी गई 410 महिलाओं को रोजगार देने के लिए नौकरशाही और कॉरपोरेट जगत एक साथ आए.’’
कर्नाटक में काम करेंगी महिलाएं
किनवट मुख्य रूप से आदिवासी क्षेत्र है, जो औरंगाबाद से लगभग 360 किलोमीटर दूर है. अधिकारी ने कहा कि पुजार ने टीईपीएल से संपर्क किया और कंपनी के मानव संसाधन विभाग ने प्रस्ताव पर जवाब दिया, जिसके बाद छह और सात सितंबर को दो दिवसीय प्रतिभा खोज का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि हाल में 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली कम से कम 600 महिलाओं ने इस अभियान में भाग लिया और इनमें से 410 का चयन किया गया. चयनित महिलाएं पड़ोसी राज्य कर्नाटक के होसुर में टीईपीएल की निर्माण इकाई में विभिन्न पदों पर काम करेंगी.
लोगों में इस कदम से बेहद खुशी
अधिकारी ने कहा कि इन महिलाओं को पहले बेंगलुरु में अपना प्रशिक्षण पूरा करना होगा. उन्होंने कहा कि आमतौर पर जिले के इन हिस्सों में किसी लड़की की उम्र विवाह योग्य होने पर उच्च शिक्षा की जगह शादी को वरीयता दी जाती है. इसलिए, इस प्रथा को समाप्त करने के लिए पुजार ने यह पहल की. तलाइगुडापाड़ा गांव के रहने वाले राजाराम मडावी खुश हैं क्योंकि उनकी बेटी को भी नौकरी का प्रस्ताव मिला है. मडावी ने कहा, ‘‘हमारी पीढ़ी के लोगों ने कभी भी तहसील से बाहर कदम नहीं रखा. लेकिन जिला प्रशासन की पहल की बदौलत मेरी बेटी को बेंगलुरु जाने का मौका मिल रहा है और वह भी नौकरी के लिए.’’ इस पहल के बारे में पुजार ने कहा, ‘‘सरकारी नौकरी करते हुए, हमें समाज के लिए काम करने मौका मिलता है. मैंने टाटा समूह से संपर्क करने की कोशिश की और इसका परिणाम निकला.’’