November 16, 2024

पंजाब की इश्मीत म्यूजिक अकादमी संगीत की जगा रही अलख, अत्याधुनिक सुविधाएं देख आप भी रह जाएंगे दंग

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लुधियाना
14 साल पहले लुधियाना शहर के इश्मीत सिंह ने वाइस आफ इंडिया का खिताब जीत पंजाब को एक अलग पहचान दी थी। उनकी गायकी का सफर ज्यादा लंबा नहीं चला और जुलाई, 2008 में उनकी संदिग्ध हालात में मालदीप में मौत हो गई। हालांकि उनकी याद में बनी इश्मीत सिंह म्यूजिक अकादमी आज युवाओं में संगीत की अलख जगा रहा है। राजगुरु नगर में 2.15 एकड़ में बनी इशमीत सिंह म्यूजिक अकादमी का उद्घाटन वर्ष 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किया था।

साल 2011 में अकादमी में पूरी तरह से संगीत का प्रशिक्षण शुरू हो गया। अकादमी की जमीन इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने दी थी जबकि बिल्डिंग फंडिंग ग्लाडा की ओर से की गई। अकादमी की आनरशिप पंजाब सरकार के कल्चरल अफेयर्स विभाग की ओर से दी गई है। आज लुधियाना ही नहीं बल्कि आस-पास के इलाकों से भी लोग गायकी की शिक्षा लेने के लिए अकादमी आते हैं।

बेसिक कोर्स से लेकर फील्ड अडाप्ट कोर्स की दी जा रही ट्रेनिंग
अकादमी के डायरेक्टर डा. चरन कमल सिंह ने बताया कि वर्तमान में अकादमी में बेसिक कोर्स से लेकर जिस फील्ड को विद्यार्थी ने अडाप्ट करना है, उस कोर्स की ट्रेनिंग दी जाती है। बेसिक कोर्स छह महीने का होता है। उसके बाद प्रेपरेटरी कोर्स (बेसिक के बाद छह महीने), एडवांस प्रेपरेटरी कोर्स और प्रोफेशनल ग्रूमिंग कोर्स जोकि एक साल तक का होता है और जिसमें विद्यार्थी को अपना फील्ड अजमाना होता है, की ट्रेनिंग दी जाती है। अकादमी में इस समय ग्यारह रेगुलर विशेषज्ञ हैं जो गायकी, डांस में विद्यार्थियों को निपुण बना रहे हैं।

वोकल म्यूजिक से हुई थी अकादमी की शुरुआत
वर्ष 2011 में जब इशमीत सिंह अकादमी की शुरुआत की गई थी तो उस समय वोकल म्यूजिक के साथ इसका आगाज हुआ था। विद्यार्थी उस समय केवल केवल क्लासिकल फोक, बालीवुड, भजन गायन, गुरबाणी कीर्तन, पंजाबी गीत की सीख हासिल करते थे। समय के साथ-साथ अकादमी का भी विस्तार होता गया और अब अकादमी में इंस्ट्रूमेंटल (वेस्टर्न, गिटार, की-बोर्ड, ड्रमस) आदि सीख रहे हैं। इतना ही नहीं, इंडियन इंस्ट्रयूमेंटल में तबला, हारमोनियम, दिलरूबा के साथ-साथ क्लासिकल, फोक डांस, कंट्रेंपरेरी, हिप-हाप, बालीवुड इत्यादि सिखाए जाते हैं। आडियो टेक्नोलाजी की बात करें तो डिजिटल प्रोसेस के साथ गायकी कि रिकार्डिंग भी होती है। इसी तरह से वीडियो टेक्नालाजी विभाग में आडियो के साथ विभिन्न साफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए वीडियो भी शूट होते हैं। गायकी के क्षेत्र में हर अत्याधुनिक सुविधाएं अकादमी में मुहैया कराई जा रही है।

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