फ़िलहाल जेल में ही रहेंगे संजय राउत , न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ी
मुंबई
पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामला में शिवसेना सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। कोर्ट के निर्देश के बाद प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने संजय राउत को चार्जशीट की कॉपी सौंप दी है। संजय राउत को 1 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। ED ने राउत के घर से 11.50 लाख रुपये घर से जब्त किए गए थे। बता दें कि मामले में संजय राउत के करीबी प्रवीन राउत की भी गिरफ्तारी हुई है।
संजय राउत ने विशेष पीएमएलए (धन शोधन निषेध कानून) अदालत में जमानत की अर्जी दी है। ED ने राउत के उस दावे को खारिज कर दिया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक बदले के रूप में की गई है। राउत की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई अब बुधवार, 21 सितंबर को होगी। ईडी ने कहा कि आरोपी ने अपने प्रॉक्सी और करीबी सहयोगी प्रवीण राउत (सह-आरोपी) के जरिए अपराध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ED ने चार्जशीट में लिखा है कि संजय राउत ने धन के लेन-देन से बचने के लिए पर्दे के पीछे से काम करते रहे। मालूम हो कि ED पात्रा चॉल पुन:विकास परियोजना में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। पात्रा चॉल 47 एकड़ से ज्यादा भूमि में फैला हुआ है और उसमें 672 किराएदार परिवार रहते थे।
क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
आपको बता दें कि शिवसेना सांसद संजय राउत इसी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार किए गए हैं। इस घोटाले की शुरुआत साल 2007 से हुई थी। तब यह आरोप लगा था कि म्हाडा के साथ गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया। शुरुआत में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रीडेवलपमेंट का कार्य गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया था।
इस मामले में 1034 करोड रुपए के घोटाले का आरोप है। यह कंपनी प्रवीन राउत की है। जो शिवसेना सांसद संजय राउत के करीबी मित्र हैं। इस कंपनी पर चॉल के लोगों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। यहां पत्र में 3000 से ज्यादा फ्लैट बनाए जाने थे। जिसमें से 672 साल के चॉल निवासियों को मिलने थे। लेकिन जमीन प्राइवेट बिल्डरों को बेच दी गई।