राजस्थान के एक टोल कलेक्शन से 8349 करोड़ की वसूली, हाईवे के निर्माण में 1896 करोड़ की लागत आई थी
जयपुर
सोशल मीडिया पर इन दिनों सड़क और टोल वसूली के मुद्दे पर जबरदस्त चर्चा शुरू हो गई है. इस बहस की शुरुआत उस जानकारी के सामने आने के बाद शुरू हुई, जिसमें बताया गया है कि एक नेशनल हाईवे का निर्माण 1896 करोड़ रुपए में हुआ, जबकि उस पर बनाए गए टोल प्लाजा से 8349 करोड़ रुपए की वसूली हो चुकी है.
दरअसल, राजस्थान के जयपुर से चिट्ठी लिखने वाले दर्शक ने कहा कि दिल्ली-जयपुर हाईवे यानी NH-8 पर मनोहरपुर टोल प्लाजा है. इस टोल पर लंबे समय से वसूली हो रही है. इसकी कीमत वसूली जा चुकी है, इसके बाद भी टोल बंद नहीं हो रहा है.
RTI से मांगी 3 टोल प्लाजा की जानकारी
इस नेशनल हाईवे पर मनोहरपुर के अलावा दो टोल प्लाजा शाहजहांपुर और दौलतपुर भी हैं. इसके बाद आज तक ने RTI के जरिए तीनों टोल प्लाजा की जानकारी मांगी, जिसमें से एक आरटीआई का जवाब मिल गया.
2009 से वसूला जा रहा है टोल टैक्स
आरटीआई में पूछा कि NH-8 का निर्माण राजस्थान में गुरुग्राम-कोटपूतली-जयपुर तक कब हुआ और टोल टैक्स कब से लागू किया गया? जवाब में बताया गया कि इस टोल प्लाजा पर 03-04-2009 से टोल वसूला जा रहा है. इसके बाद आज तक ने यह भी पूछा कि सड़क के निर्माण पर कितनी लागत आई और उसमें सरकारी हिस्सा कितना था? इस पर बताया गया कि हाईवे निर्माण में 1896 करोड़ रुपए खर्च हुए.
अब भी टोल प्लाजा के जरिए वसूली
RTI में अगला सवाल पूछा गया कि इस सड़क पर कितना टोल टैक्स वसूला जा चुका है? इसके जवाब में बताया गया कि 2023 तक इस टोल से 8349 करोड़ रुपए वसूला जा चुका है. बता दें कि इतनी रकम में गुरुग्राम से जयपुर को जोड़ने वाले 4 हाईवे बन सकते हैं. साथ ही अब तक यह टोल प्लाजा बंद भी नहीं हुआ है.
सोशल मीडिया यूजर्स पूछ रहे ये सवाल
जानकारी सामने आई तो सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई. लोग अपनी पोस्ट के जरिए यह सवाल पूछ रहे हैं कि जब गाड़ी लेते समय रोड टैक्स भर दिया जाता है तो फिर सड़क पर चलने के लिए हर 50 किलोमीटर पर टोल टैक्स क्यों लिया जाता है? एक अन्य यूजर ने कहा कि अगर ऐसे तमाम बड़े हाईवे की भी RTI से जांच कराई जाए तो ऐसे ही 4 गुना प्रॉफिट के आंकड़े सामने आएंगे.