जन भागीदारी से तैयार करें अगली 25 वर्षीय योजना- प्रधानमंत्री मोदी
गांधीनगर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महापौरों को लोगों की भागीदारी से अगली 25 वर्षीय योजना तैयार करने की सलाह दी है। उन्होंने भाजपा महापौरों के सम्मेलन को वर्चुअल तौर पर संबोधित किया और सुझाव दिया कि विकास इस तरह का होना चाहिए कि लोग इसे दशकों और पीढ़ियों तक याद रखें।
प्रधानमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने गांधीनगर में सम्मेलन की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री ने महापौरों को संबोधित करते हुए कहा कि महापौरों को योजना बनाने पर इस तरह ध्यान देना चाहिए कि शहर पर बोझ कम हो और आसपास के क्षेत्रों में सैटेलाइट टाउनशिप विकसित हो।
मोदी ने यह भी सुझाव दिया कि चुने हुए प्रतिनिधियों को रेहड़ी-पटरी वालों तक पहुंचना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक विक्रेता को पीएम स्वनिधि योजना के बारे में बताया जाए और उन्हें अपने सभी लेनदेन डिजिटल रूप से करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए।
मोदी ने कहा, "यदि वे अधिक डिजिटल लेनदेन करें, तो निजी फाइनेंसरों से उधार लेने की तुलना में कम ब्याज दरों पर बैंक ऋण प्राप्त कर सकते हैं।"
पीएम ने कहा, "महापौरों को रेहड़ी-पटरी वालों के बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करने में गहरी दिलचस्पी लेनी चाहिए और उन्हें इस बात से अवगत कराना चाहिए कि वे शहर की अर्थव्यवस्था में कितना योगदान करते हैं।"
मोदी ने टियर 2/3 शहरों के महापौरों से भविष्य की जरूरतों को पूरा करने वाले स्थानों को विकसित करने के लिए भी कहा, क्योंकि अगली पीढ़ी ऐसे शहरों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए पसंद कर रही है।
प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया, "प्रत्येक शहर का अपना संग्रहालय होना चाहिए जो शहर और उसके विकास के बारे में इतिहास को बयान करे। निर्वाचित विंग को नागरिकों के व्यवहार को बदलने की कोशिश करनी चाहिए, उन्हें शिक्षित करना चाहिए और समाज व शहर के प्रति जिम्मेदारियों और कर्तव्य के बारे में जागरूकता पैदा करनी चाहिए, जैसे कचरा नहीं फैलाना, ऊर्जा और पानी की बचत करना।"