राजस्थान-उदयपुर में तेंदुए ने महिला का सिर से अलग किया धड़, चार महीने में हमले में छह की मौतें
जयपुर.
राजस्थान में इंसानी आबादी में तेंदुओं की आवाजाही ने बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। बीते 2 दिनों में शहरी आबादी में तेंदुओं के आने की दो घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। ये दोनों घटनाएं चौमू की है। शनिवार को चौमू-जयपुर रोड पर एक निजी अस्पताल के बेसमेंट में तेंदुआ घुस गया। इसके बाद मंगलवार रात को भी तेंदुआ चौमू की सड़कों पर नजर आया।
हालांकि, दोनों घटनाओं में तेंदुए ने किसी इंसान पर हमला नहीं किया। लेकिन, तेंदुओं के हमले से प्रदेश में 30 मई से आठ सितंबर तक 6 लोगों की मौत हो गई है। 8 सितंबर को उदयपुर में 40 वर्षीय मीराबाई पर तेंदुए ने हमला कर दिया था। इस दौरान तेंदुए ने महिला का सिर धड़ से अलग कर दिया था। तेंदुए के हमले से इंसानी मौतों के बढ़ते मामलों को देखते हुए वन विभाग ने NWB(नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड) को पत्र लिखकर इस मामले में मार्गदर्शन मांगा है। इसके अलावा वन विभाग ने राजस्थान में तेंदुए का संरक्षण करने वाली NTCA (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) से भी संपर्क कर सहायता की मांग की है।
वन विभाग के सेंस्स में 925 हुई तेंदुओं की आबादी –
वन विभाग की ओर किए गए वॉटर होल सेंस्स के अनुसार राजस्थान में इस साल तेंदुओं की आबादी 925 हो चुकी है। इससे पहले 2022 में यह 818, 2020 में 637, 2019 में 635 और 2017 में 507 थी। वहीं NTCA, वन विभाग तथा WII(वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया) के ज्वाइंट सर्वे में राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व में 167 तेंदुए, रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में 87 तेंदुए, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 49 तेंदुए और रामगढ़ टाइगर रिजर्व में 19 तेंदुए पाए गए थे।
तेंदुओं के हमले में हुई मौतें —
0- 30 मई: तेंदुए ने राजसमंद में 2.5 वर्षीय बच्चे को मार कर खा लिया।
0- 23 जून: उदयपुर के झाडौल में तेंदुए ने 55 वर्षीय लक्ष्मीलाल पर हमला कर जान ले ली। वे जंगलों में महुआ एकत्र करने गए थे।
0- 29 जून: राजसमंद के राजनगर में श्रमिक रणसिंह पर हमला कर जान ले ली। रण सिंह अपने घर की तरफ पैदल जा रहे थे तब रास्ते में तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया था।
0- 16 अगस्त: उदयपुर के फालसिया में तेंदुए ने स्कूल जाते हुए एक 10 वर्षीय बच्चे पर हमला कर उसकी जान ले ली।
0- 26 अगस्त: राजसमंद के राजनगर में ही एक अन्य घटना में तेंदुए ने 35 वर्षीय रुक्मा भील की जान ले ली। जिस वक्त रुक्मा पर तेंदुए ने हमला किया था उस वक्त वे जंगल में बकरियां चरा रहे थे।
0- 8 सितंबर: 40 वर्षीय मीराबाई जंगल से लकडियां चुन रही थी तो पीछे से तेंदुए ने हमला कर दिया और उन्हें घसीट कर झाडियों में ले गया। इस घटना में मीराबाई की मौत हो गई थी।
तेंदुए के हमलों से वन विभाग चिंतित —
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तेंदुओं के इंसानी आबादी पर लगातार हो रहे हमलों से विभाग चिंतित है। इस मामले में उन्होंने नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है।