September 25, 2024

आज गणपति बप्पा की विदाई, भोपाल में विसर्जन घाटों पर चाक-चौबंद इंतजाम, क्रेन से विसर्जित होंगी बड़ी मूर्तियां

0

 भोपाल
 बीते 10 दिनों से चल रहे का गणेशोत्सव का मंगलवार को अनंत चतुर्दशी पर समापन हो रहा है। शहर के प्रेमपुरा, खटलापुरा, रानी कमलापति, सीहोर नाका विसर्जन घाट सहित अन्य घाटों पर गणेशजी की मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम प्रशासन द्वारा क्रेन, नौकाओं की व्यवस्था की गई है। अधिकारी व कर्मचारियों की तैनाती सभी विसर्जन घाटों पर की गई है। शहर में 1000 से ज्यादा छोटी-बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।

इन घाटों में होगा विसर्जन
शहर के प्रमुख घाटों जैसे खटलापुरा, प्रेमपुरा, संत हिरदाराम नगर बैरागढ़, हथाईखेड़ा डैम, शाहपुरा और कमलापति घाट पर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। यहां आने वाले नागरिक गणेश मूर्ति का विसर्जन कर सकेंगे। इसके साथ ही पूजा सामग्री जैसे फूल, फल और नारियल को पानी में प्रवाहित नहीं करने की सख्त हिदायत दी गई है। घाटों पर विशेष व्यवस्था की गई है जहां यह सामग्री एकत्र की जाएगी। वहीं विसर्जन घाटों पर कड़ी सुरक्षा रहेगी। पुलिस कंट्रोल रूम से भी यहां पर नजर रखी जाएगी। यहां लाइफ जैकेट, ट्यूब, रस्सी बंडल और पीए सिस्टम के साथ नगर निगम के कर्मचारी घाटों पर तैनात रहेंगे। गोताखोरों की ड्यूटी भी लगाई गई है।

कई जगह बनाए विसर्जन कुंड
भगवान गणेश की छोटी मूर्तियों को विशेष कुंड में विसर्जित किया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लालघाटी चौराहा, गांधी नगर, करोंद चौराहा, कोलार, रायसेन रोड, अवधपुरी समेत पुराने शहर के दो दर्जन से ज्यादा स्थानों पर नगर निगम ने छोटी मूर्तियों के विसर्जन के लिए कुंड का इंतजाम किया है।

शाम को निकलेगा सामूहिक जुलूस, देर रात पहुंचेगा
हिंदू उत्सव समिति के संतोष साहू ने बताया कि शाम 6.30 बजे से सेंट्रल लाइब्रेरी के पास से सामूहिक विसर्जन जुलूस शुरू होगा, जो इतवारा, मंगलवारा, हनुमानगंज, जनकपुरी, सिंधी मार्केट, सोमवारा होते हुए कमलापति घाट पहुंचेगा। जुलूस में करीब 200 झांकियां शामिल होंगी।

पूजन सामग्री भी कर सकेंगे जमा
लोग पूजा के दौरान निकलने वाली सामग्री फल, फूल, नारियल आदि को पानी में प्रवाहित नहीं करेंगे। विसर्जन घाटों पर ही अलग से व्यवस्था रहेगी। निगमकर्मी इन्हें घाटों पर ही इकट्ठा करेंगे। करीब 60 टन सामग्री निकलने का अनुमान है। फूल-मालाओं से जैविक खाद बनाई जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *