September 23, 2024

वकील साहब को SC ने फटकारा, कुर्ता-पायजामा पहनकर बहस नहीं कर सकते

0

नई दिल्ली

गर्मी के मौसम में ड्रेस कोड से राहत मांगने पहुंचे एडवोकेट को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगा दी। शीर्ष न्यायालय का कहना है कि अदालत में डेकोरम बनाकर रखना पड़ेगा और आपको उचित कपड़ों में आना होगा। दरअसल, याचिकाकर्ता चाहते थे कि काले कोट और गाउन से छूट मिले और किसी अन्य रंग की अनुमति दी जाए। उन्होंने इसके लिए मौसम का हवाला दिया था।

याचिका भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के सामने पहुंची थी। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, बेंच का कहना है कि देशभर में मौसम की स्थिति अलग-अलग होती है, तो ऐसे में यह बार काउंसिल ऑफ इंडिया और केंद्र सरकार के फैसला लेने के लिए उचित मुद्दा होगा।

कोर्ट ने कहा, 'लेकिन राजस्थान की स्थिति बेंगलुरु जैसी नहीं है। ऐसे में बार काउंसिल को फैसला लेने दें। सुप्रीम कोर्ट के लिए डेकोरम जरूरी है। आपको उचित कपड़ों में यहां आना होगा।' खास बात है कि साल 2022 में भी याचिकाकर्ता एडवोकेट शैलेंद्र तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हालांकि, तब उन्हें BCI के पास जाने के लिए कहा गया था, जिसके बाद उन्होंने याचिका वापस ले ली थी।

खास बात है कि तब उन्हें यह भी कहा गया था कि अगर BCI कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो वह अदालत के पास आ सकते हैं। सोमवार को भी इस मामले पर सुनवाई हुई।

कोर्ट ने कहा, 'गाउन को लेकर पहले ही छूट दी जा चुकी है। आपको कुछ तो पहनना पड़ेगा। आप कुर्ता-पायजामा या शॉर्ट्स और टी शर्ट पहनकर बहस नहीं कर सकते। साथ ही कुछ डेकोरम होना भी जरूरी है।' जब पूछा गया कि वकीलों के लिए आदर्श ड्रेस क्या होना चाहिए, तो उन्होंने काले रंग और गाउन से छूट की मांग की। अदालत ने उन्हें BCI और केंद्र के पास जाने के लिए कहा।

याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा था कि लंबी गाउन के साथ काले रोब-कोट-ब्लेजर औपनिवेशिक विरासत हैं, जो भारतीय मौसम के साथ और खासतौर से उत्तरी और तटीय हिस्सों में फिट नहीं बैठते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा ड्रेस कोड असहज होता और ड्राय क्लीन और धुलवाने के कारण आर्थिक बोझ भी पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *