November 29, 2024

नाकाम प्रोडक्ट फिर उतारने की कोशिश; खरगे को नड्डा का जवाबी लेटर, रोचक हुई जंग

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नई दिल्ली

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखी है। नड्डा की यह चिट्ठी एक तरह से खरगे के पीएम मोदी को लिखे पत्र का जवाब है। नड्डा ने अपनी लिखी चिट्ठी में लिखा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की बातें सच से दूर हैं। राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक बातें कही थीं। जेपी नड्डा ने कहा कि सोनिया गांधी ने भी पीएम मोदी को मौत का सौदागर कहा था। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी को महिमामंडित करना अब खरगे की मजबूरी बन गया है। नड्डा ने लगभग तीन पन्नों का लेटर लिखा है।

खरगे ने पीएम मोदी को लिखा था पत्र
मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई देने के साथ केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और एक भाजपा नेता के राहुल गांधी को आतंकी कहने पर पत्र लिखा था। इस भाषा पर ऐतराज जताते हुए खरगे ने लिखा कि मुझे दुःख के साथ कहना पड़ता है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगी दलों के नेताओं ने जिस हिंसक भाषा का प्रयोग किया है, वह भविष्य के लिए घातक है। विश्व हैरान है कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता को नंबर एक आतंकवादी कह रहे हैं। महाराष्ट्र में आपकी सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा कर रहे हैं। दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका हश्र दादी जैसा करने की धमकी दे रहे हैं।

खरगे का पीएम मोदी को लिखा पत्र.

खरगे को नड्डा का जवाबी पत्र
पीएम मोदी को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्र लिखा था। अब इसी पत्र पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जवाब दिया है। आपने राजनीतिक मजबूरीवश जनता की ओर से बार-बार नकारे गए अपने Failed Product को एक बार फिर से पॉलिश कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को लिखा है, उस पत्र को पढ़ कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर हैं। उन्होंने आगे पूछा कि क्या आप राहुल गांधी की करतूत भूल गए? राहुल गांधी जाति जनगणना और आरक्षण के नाम पर भड़का रहे हैं। यही नहीं राहुल गांधी ने कई बार पीएम मोदी का अपमान किया। सोनिया गांधी ने तो पीएम को मौत का सौदागर कहा था। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने कई बार पीएम का अपमान किया है। कांग्रेस ने देश को शर्मसार किया है।

राहुल गांधी पर जमकर बरसे
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए जेपी नड्डा ने अपने पत्र में लिखा कि नेता प्रतिपक्ष ने पीएम और ओबीसी समाज को गाली दी। नड्डा ने आगे कहा कि खरगे जी आप की मजबूरी है कि आप राहुल गांधी को महिमामंडित करें। नड्डा ने कहा कि खड़गे जी, चूंकि आपने अपने पत्र में सेलेक्टिव तरीके से बात केवल राहुल गांधी को लेकर की, इसलिए मैं उसी से अपनी बात की शुरुआत करना चाहूंगा। जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के प्रधानमंत्री सहित पूरे ओबीसी समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा हो, देश के प्रधानमंत्री के लिए अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का रहा हो, जिसने संसद में देश के प्रधानमंत्री को डंडे से पीटने की बात कही हो, जिसकी धृष्ट मानसिकता से पूरा देश वाकिफ हो, उस राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश आप किस मजबूरी के चलते कर रहे हैं?

खरगे को नड्डा का जवाब
नड्डा ने आगे कहा कि जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के प्रधानमंत्री सहित पूरे ओबीसी समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा हो, देश के प्रधानमंत्री के लिए अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का रहा हो, जिसने संसद में देश के प्रधानमंत्री को डंडे से पीटने की बात कही हो, जिसकी धृष्ट मानसिकता से पूरा देश वाकिफ हो, उस राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश आप किस मजबूरी के चलते कर रहे हैं?

'सोनिया गांधी ने कहा था- मौत का सौदागर'
जेपी नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी की माताजी सोनिया गांधी ने मोदी जी के लिए 'मौत का सौदागर' जैसे अत्यंत असभ्य अपशब्दों का प्रयोग किया था, इन सभी दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बयानों का तो आप और आपकी पार्टी के नेता महिमामंडन करते रहे। तब राजनीतिक शुचिता की बातें कांग्रेस भूल गई थी? जब राहुल गांधी ने सरेआम 'मोदी की छवि को खराब कर देंगे' वाली बात कही थी तो राजनीतिक मर्यादा को किसने खंड-खंड किया था? मैं ये समझता हूं खड़गे जी कि अपने नित्य निरंतर फेल्ड प्रोडक्ट का बचाव करना और उसे महिमामंडित करना आपकी मजबूरी है, लेकिन कम से कम कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते आपको इन चीजों पर आत्ममंथन भी तो करना चाहिए था।

कांग्रेस पार्टी पर भी जमकर हमला बोला
जेपी नड्डा ने अपने पत्र में कहा कि कांग्रेस एंड कंपनी के नेताओं ने पिछले 10 सालों में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को 110 से अधिक गालियां दी हैं और दुर्भाग्य की बात यह भी है कि इसमें कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी शामिल है। तब क्यों राजनीतिक शुचिता, मर्यादा, अनुशासन, शिष्टाचार जैसे शब्द आपकी और कांग्रेस की शब्दावली से गायब हो जाते हैं? एक तरफ आप राजनीतिक शुचिता की दुहाई दे रहे हैं लेकिन दूसरी ओर आपकी पार्टी और आपके नेताओं का इतिहास ही राजनीतिक शुचिता की धज्जियां उड़ाने का रहा है। ऐसा दोहरा रवैया क्यों?

पीएम मोदी को क्या नहीं कहा गया
नड्डा ने पत्र में लिखा कि खड़गे जी, क्या-क्या नहीं कहा गया आपके नेताओं के द्वारा देश के प्रधानमंत्री के लिए? कभी कहा गया 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी', कभी कहा गया गया 'नीच', कभी 'कमीना', कभी 'मौत का सौदागर, कभी 'जहरीला सांप, कभी 'बिच्छू', कभी 'चूहा', कभी 'रावण', कभी 'भस्मासुर, कभी 'नालायक', कभी 'कुत्ते की मौत मरेगा', कभी 'मोदी को जमीन में गाड़ देंगे', कभी 'राक्षस', कभी 'दुष्ट, कभी 'कातिल', कभी 'हिंदू जिन्ना, कभी 'जनरल डायर', कभी 'मोतियाबिंद का मरीज', कभी 'जेबकतरा, कभी गंदी नाली, कभी 'काला अंग्रेज', कभी 'कायर', कभी 'औरंगजेब का आधुनिक अवतार', कभी 'दुर्योधन, कभी 'हिंदू आतंकवादी', कभी 'गदहा, कभी 'नामर्द', कभी 'चौकीदार चोर है', कभी 'तुगलक', कभी 'मोदी की बोटी-बोटी काट देंगे', कभी 'साला मोदी, कभी 'नमक हराम, कभी गंवार, कभी 'निकम्मा' । यहाँ तक कि उनके माता-पिता को भी नहीं छोड़ा गया, उनका भी अपमान किया गया।

जेपी नड्डा ने पत्र में कहा कि आजाद भारत के इतिहास में किसी भी जननेता का अपमान कभी नहीं किया गया, जितना आपकी पार्टी के नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री का किया। इतना ही नहीं, आपकी पार्टी के जिन नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री को जितनी बड़ी गाली दी, उसे कांग्रेस में उतने बड़े-बड़े पद दे दिए गए। अगर मैं ऐसे उदाहरण गिनाने लग जाऊं, तो आपको भी पता है कि उसके लिए अलग से किताब लिखनी पड़ेगी। क्या ऐसे बयानों और हरकतों ने देश को शर्मसार नहीं किया, राजनीतिक मर्यादा को तार- तार नहीं किया? आप इसे कैसे भूल गए खड़गे जी ?

खड़गे जी, कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी पर किस बात का गर्व करती है? इसलिए कि वे पाकिस्तान परस्त भारत विरोधी लोगों के साथ गलबहियां करते हैं या इसलिए कि वे आतंकियों के समर्थन वाले कार्यक्रम में जाकर खड़े हो जाते हैं? इसलिए कि वे देश को तोड़ने वाली ताकतों से समर्थन मांगते हैं या इसलिए कि वे विदेशी ताकतों से देश के लोकतंत्र में हस्तक्षेप की मांग करते हैं? इसलिए कि वे देश में आरक्षण और जाति की राजनीति कर एक समाज को दूसरे समाज के खिलाफ भड़काते हैं या इसलिए कि वे विदेशी धरती पर जाकर आरक्षण को ख़त्म कर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हक़ छीनने की मंशा जाहिर करते हैं?

इसलिए कि वे जम्मू-कश्मीर की शांति के खिलाफ विषवमन करते हैं या इसलिए कि वे आतंकियों की रिहाई, पाकिस्तान से बातचीत, पाकिस्तान के साथ व्यापार और धारा 370 को फिर से लाने का समर्थन करते हैं? इसलिए कि वे हिंदू को पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से भी बड़ा ख़तरा बताते हैं या इसलिए कि वे बार-बार हिंदू सनातन संस्कृति का अपमान करते हैं? इसलिए कि वे सेना के जवानों की वीरता के सबूत मांगते हैं या इसलिए कि वे जवानों की वीरता को 'खून की दलाली' के संज्ञा देते हैं? इसलिए सिख भाइयों की पगड़ी और कड़े पर विवादास्पत बयान देते हैं? ऐसे में आपका पत्र लिखना कांग्रेस के स्पष्ट दोहरे मानदंड को उजागर करता है कि नहीं?

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