November 28, 2024

कांग्रेस की लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा की एकाएक चुनावी प्रचार से किनारा कर लिया, पार्टी के मुश्किले बढ़ा सकती है

0

चंडीगढ़
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में नामांकन प्रक्रिया से पहले तक पूरे प्रदेश के दौरे पर निकली कांग्रेस की लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा की एकाएक चुनावी प्रचार से किनारा कर लिया गया है। विधानसभा चुनाव के लिए हुए टिकट बंटवारे में कुमारी सैलजा के समर्थकों की तुलना में भूपेंद्र हुड्डा गुट के समर्थकों को मिली तवज्जो और हुड्डा गुट के समर्थकों की ओर से की गई टिप्पणियों के चलते इन दिनों कुमारी सैलजा ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है। विधानसभा चुनाव के बीच सैलजा की ओर से एकाएक साधी गई चुप्पी से कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है।

21 सीटों पर सैलजा का प्रभाव !
कुमारी सैलजा अनुसूचित जाति से होने के साथ ही कांग्रेस का प्रदेश में एक बड़ा दलित चेहरा है। हरियाणा में 17 विधानसभा सीटें पिछड़ा वर्ग के लिए रिजर्व है। इनमें अंबाला की मुलाना, फतेहाबाद की रतिया, यमुनानगर की साढौरा, हिसार की उकलाना, कुरुक्षेत्र की शाहबाद, भिवानी की बवानी खेड़ा, कैथल की गुहला, झज्जर, करनाल की नीलोखेड़ी, रोहतक की कलानौर, पानीपत की इसराना, रेवाड़ी की बावल, सोनीपत की खरखौदा, गुरुग्राम की पटौदी, जींद की नरवाना, पलवल की होडल, सिरसा की कालांवाली सीट शामिल है। इनके अलावा सिरसा, अंबाला, फतेहाबाद और पंचकूला विधानसभा सीट पर भी कुमारी सैलजा का अच्छा प्रभाव है।

कांग्रेस को हो सकता है नुकसान !
चुनावी प्रचार के पीक पर पहुंचने से पहले कुमारी सैलजा की ओर से साधी गई चुप्पी से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है और सत्ता में वापस लौटने का दावा कर रही कांग्रेस फिर से सत्ता से दूर हो सकती है। इसे लेकर हुड्डा गुट में भी खलबली मची हुई है।

सैलजा के नाराज होने की वजहें
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से किए गए टिकट वितरण में कुमारी सैलजा के समर्थकों के स्थान पर हुड्डा समर्थकों को अधिक टिकट देने भी सैलजा की नाराजगी का एक कारण माना जा रहा है। जानकारों की माने तो सैलजा ने विधानसभा चुनाव में अपने समर्थकों के लिए 30 से 35 टिकटों की मांग की थी, लेकिन पार्टी हाई कमान की ओर से हुड्डा के समर्थकों को तव्वजों दी गई और उन्हें 70 से अधिक टिकट मिली। इसके उल्ट सैलजा गुट को करीब आधा दर्जन टिकट ही मिल पाई। कुमारी सैलजा अपने बेहद करीबी डॉ. अजय चौधरी को नारनौंद विधानसभा सीट से टिकट दिलाने में भी कामयाब नहीं हो पाईं। इसके साथ ही नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम में एक समर्थक की ओर से की गई जातिगत टिप्पणी भी एक कारण बताया जा रहा है। इस मामले को लेकर कई जगह पर विरोध प्रदर्शन भी हुआ।

भूपेंद्र हुड्डा कर रहे डैमेज कंट्रोल
सांसद कुमारी सैलजा पर अभद्र टिप्पणी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने उनका समर्थन करते हुए कहा, "सैलजा पर की गई टिप्पणी मैनिपुलेटेड है। वह हमारी बहन भी हैं, और कांग्रेस की सम्मानित नेता हैं। कांग्रेस का कोई भी नेता या कार्यकर्ता उनके बारे में गलत टिप्पणी नहीं कर सकता। उनके बारे में यदि कोई भी, किसी प्रकार की गलत टिप्पणी करता है तो उसका कांग्रेस में कोई स्थान नहीं है। आज हर किसी के पास मोबाइल है और किसी को भी मैनिपुलेट कर कुछ भी बुलवाया जा सकता है, लेकिन ऐसी मानसिकता का समाज या राजनीति में कोई स्थान नहीं है। विरोधी दल जानबूझकर समाज को बांटने वाली साजिश रच रहे हैं।"

यात्रा के दौरान दिखी थी तनातनी
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस की गुटबाजी सबके सामने आ गई थी। एक ओर जहां भूपेंद्र हुड्डा की ओर से हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा शुरू की गई थी। वहीं, कुमारी सैलजा ने अलग से संदेश यात्रा शुरू की थी। सैलजा की यात्रा के पोस्टर से भूपेंद्र  हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के पोस्टर नहीं होने पर पार्टी हाई कमान ने भी इस पर संज्ञान लिया था। पार्टी हाई कमान की ओर से सभी नेताओं को मिलकर एक-दूसरे का सम्मान करते हुए चुनावी मैदान में उतरने की सलाह दिए जाने पर सैलजा ने फिर से नया पोस्टर जारी किया था, जिसमें भूपेंद्र हुड्डा और उदयभान की फोटो को स्थान दिया गया था, जबकि पहले के पोस्टर में रणदीप सुरजेवाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह को जगह दी गई थी। खैर देखना होगा कि आखिर कुमारी सैलजा की यह चुप्पी कब तक जारी रहती है ? क्या पार्टी हाई कमान की ओर से इस पर कोई संज्ञान लिया जाएगा ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *