November 28, 2024

कांग्रेस की यात्रा के दौरान वीर सावरकर की फोटो, बीजेपी ने ली चुटकी

0

  नई दिल्ली

'बुलबुल' के विवाद के बाद वीर सावरकर एक बार फिर राजनीति के केन्द्र में हैं. इस बार मामला केरल में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों के एक पोस्टर पर उनकी फोटो दिखने के बाद उछला है. बीजेपी के एक नेता ने कांग्रेस की यात्रा के दौरान वीर सावरकर की फोटो दिखने को लेकर जहां राहुल गांधी से लेकर जवाहर लाल नेहरू तक चुटकी ली, वहीं कांग्रेस की ओर से जबरदस्त पलटवार किया गया. उसने भी इस मामले में वीर सावरकर की माफी और अटल बिहारी वाजपेयी की बटेश्वर केस की गवाही से जुड़े विवाद को सामने कर दिया.

कांग्रेस ने बताया प्रिंटिंग मिस्टेक

बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के एक पोस्टर की तस्वीर ट्वीट की थी. इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के बीच में वीर सावरकर की भी फोटो है. इस पर कांग्रेस ने अपना बचाव करते हुए इसे प्रिंटिंग मिस्टेक बताया है. कांग्रेस का कहना है कि वो पोस्टर पर स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर चाहते थे. बूथ स्तर के एक कार्यकर्ता ने बताया कि पोस्टर डिजाइन करने वाले लड़के ने ऑनलाइन इन फोटो को खोजा था. उनकी ओर से इसकी सही से जांच नहीं हो सकी. ये एक प्रिंटिंग मिस्टेक है.

अमित मालवीय ने ली चुटकी

वीर सावरकर वाले पोस्टर की तस्वीर केरल के एर्नाकुलम में एयरपोर्ट के नजदीक की बताई जा रही है. इस फोटो के साथ अमित मालवीय ने लिखा- एर्नाकुलम में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में वीर सावरकर की फोटो भी है. देर से ही सही, राहुल गांधी के लिए ये अच्छा रियलाइजेशन है, जिनके परनाना नेहरू ने पंजाब के नाभा जेल से सिर्फ दो हफ्ते में ही बाहर आने के लिए अंग्रेजों से गुहार लगाई थी, और एक दया याचिका पर हस्ताक्षर किए थे.

जयराम का बीजेपी पर पलटवार

हालांकि अमित मालवीय के बयान पर कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि उनका फैक्ट से कोई लेना-देना नहीं है. वो इसे तोड़-मरोड़कर कर पेश करते हैं और मानहानि करते हैं. हम उनके खिलाफ मानहानि का नोटिस भेज रहे हैं. ये बात भी चौंकाने वाली है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ऐसे सवाल उठा रही है. ये सीपीएम और बीजेपी के बीच का गठबंधन है जैसा कि वीपी सिंह की सरकार के समय हुआ था.

खेड़ा ने उठाया 'बटेश्वर गवाही' का मामला

हीं कांग्रेसी नेता पवन खेड़ा ने भी इस बारे में बीजेपी पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि नेहरू (जवाहर लाल नेहरू) ने करीब 10 साल का वक्त जेल में गुजारा और कभी भी कोई दया याचिका नहीं लिखी, जैसी पहले सावरकर और फिर बाद में वाजपेयी (अटल बिहारी वाजपेयी) और अन्य ने लिखी. क्या बटेश्वर की गवाही की बात की जाए?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *