जीवन में खेल के साथ ही खेल भावना भी जरूरी – मंत्री सारंग
भोपाल
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि खेल के बगैर व्यक्तित्व का विकास संभव नहीं है। किसी भी प्रतिस्पर्धा में खिलाड़ी भले ही एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी हों, लेकिन खेल के बाद सभी एक साथ होते हैं। यही खेल भावना खेल का सबसे बड़ा तत्व है, जो जीवन में भी जरूरी है। मंत्री सारंग 66वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री सारंग ने भोपाल के टी.टी. नगर स्टेडियम में 66वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। शनिवार 24 सितंबर तक चलने वाली इस स्क्वॉश, तलवारबाजी एवं योग प्रतियोगिता की मेजबानी भोपाल संभाग कर रहा है। इसमें जबलपुर, इन्दौर, रीवा, सागर, उज्जैन, ग्वालियर, नर्मदापुराम, शहडोल के अतिरिक्त जनजातीय कार्य विभाग के 14,17 एवं 19 वर्ष आयु वर्ग की टीमों के 370 बालक, 350 बालिकाएँ एवं 80 तकनीकी अधिकारी भी भाग ले रहे हैं।
खेल का बजट आज 200 करोड़
मंत्री सारंग ने कहा कि कहा कि पहले खेल बजट केवल 2 करोड़ रूपये हुआ करता था, आज खेल बजट 200 करोड़ का है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
छात्रों ने बैंड की धुन पर किया कदमताल
उद्घाटन समारोह के दौरान प्रतियोगिता में भाग लेने आयी सभी टीमों के खिलाड़ियों ने बैंड की धुन पर कदमताल करते हुए मुख्य अतिथि मंत्री सारंग को सलामी दी। कार्यक्रम में भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी सहित स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।