भारत सरकार ने के बड़े फैसले से आयात कम होगा और निर्यात भी बढ़ेगा
नई दिल्ली.
भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए 3 निर्णय लिए. इनमें सोलर PV के लिए PLI स्कीम को विस्तार देने, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को अधिक आकर्षक बनाने के अलावा राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति को मंजूरी दिया जाना शामिल हैं. इन तीनों को यदि गहराई तक देखा जाए तो इससे 2 बड़े फायदे होंगे. पहला तो यह कि दूसरे देशों से होने वाला आयात कम होगा और भारत निर्यात भी कर पाएगा, और दूसरा यह कि सोलर और सेमीकंडक्टर से जुड़े उत्पादों की कीमतें कम होंगी.
कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने सोलर पीवी मॉड्यूल की दूसरी PLI स्कीम को मंजूरी दे दी है. इसके लिए 19,500 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है. इस फैसले से देश में सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर से निर्भरता कम होगी. साथ ही देश निर्यात करने की स्थिति में भी होगा.
सेमीकंडक्टर्स, डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े फैसले
कैबिनेट ने सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम डेवलपमेंट के लिए संशोधनों को मंजूरी दी है. प्रौद्योगिकी नोड्स के साथ-साथ कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स, पैकेजिंग और अन्य सेमीकंडक्टर्स सुविधाओं के लिए 50% प्रोत्साहन दिया जाएगा. इससे 2 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 8 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा.
गौरतलब है कि चीन की जीरो-कोरोना नीति के चलते सेमीकंडक्टर्स की कमी दुनियाभर को झेलनी पड़ी है. ऐसे में बहुत सारे ऐसे प्रोडक्ट्स हैं, जिनकी कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है. खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो सेक्टर में शामिल प्रोडक्ट्स की कीमतें काफी बढ़ी हैं. यदि भारत सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग का हब बनता है तो इस समस्या से निजात मिलेगी.
कैबिनेट की बैठक में नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी को मंजूरी दे दी गई है. 17 सितंबर को प्रधानमंत्री ने लॉजिस्टिक नीति जारी करते हुए कहा था कि इसका मकसद लॉजिस्टिक लागत को सकल घरेलू उत्पाद के 13-14 प्रतिशत के मौजूदा स्तर से घटाकर इकाई अंक में लाना है. इस पॉलिसी के माध्यम से सरकार का लक्ष्य लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स रैंकिंग में सुधार करना है और 2030 तक शीर्ष 25 देशों में शामिल होना है