November 12, 2024

हमास के साथ जारी जंग के बीच इजरायल ने हिजबुल्ला के खिलाफ हमले तेज कर दिए, क्यों आग उगल रहा इजरायल

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नई दिल्ली
हमास के साथ जारी जंग के बीच इजरायल ने हिजबुल्ला के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। पेजर स्ट्राइक के बाद एक बार फिर इजरायली सेना ने लेबनान में हिजबुल्ला के 1300 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया है। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार को लेबनान में इजरायली एयर स्ट्राइक में 356 लोगों की मौत हुई है, इसके अलावा 1,200 से अधिक लोग घायल हो गए। ऐसे में इजरायल की इस एयर स्ट्राइक को लेकर लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इजरायली सेना ने लेबनान में इतना बड़ा हमला क्यों किया।

दरअसल, बीते साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले किए थे। इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था। इस बीच फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह के समर्थन में हिजबुल्ला ने इजरायल के खिलाफ दूसरे मोर्चे से जंग छेड़ दी। वह लगातार इजरायल को नुकसान पहुंचाने में जुट गया। हालांकि, हिजबुल्ला के हमले के बाद इजरायली सेना ने भी उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई तेज की। इसका बड़ा उदाहरण बीते दिनों लेबनान में देखने को मिला, जब सैकड़ों पेजर में एक के बाद एक ब्लास्ट से नौ लोगों की मौत हो गई और 2,800 से अधिक लोग घायल हो गए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिजबुल्ला लेबनान का राजनीतिक रूप से प्रभावशाली एक मुस्लिम संगठन है। इसकी स्थापना 80 के दशक में की गई थी। बताया जाता है कि इस संगठन को ईरान का समर्थन प्राप्त है। अमेरिका ने साल 1997 में हिजबुल्ला को एक आतंकी संगठन घोषित किया था। इसके बाद कई और देशों ने भी इस संगठन पर प्रतिबंध लगाए। हिजबुल्ला की ताकत की बात करें, तो इसके पास भारी हथियारों से लैस गैर-सरकारी समूहों की एक फौज है, उसके पास रॉकेट और ड्रोन सहित कई खतरनाक हथियार भी हैं, जो इजरायल के किसी भी हिस्से को आसानी से निशाना बना सकते है।

इस समय हिजबुल्ला का प्रमुख हसन नसरल्लाह हैं, जो लगातार इसको विस्तार देने में जुटा है और उसका मकसद इजरायल को नुकसान पहुंचाना है। इसी वजह से हिजबुल्ला इजरायल पर लगातार हमले कर रहा है। बता दें कि इजरायली सेना ने बीते दिनों हिजबुल्ला के सैन्य प्रमुख फुआद शुकर की हत्या कर दी थी। यही नहीं, हिजबुल्ला के उप प्रमुख तलाल हमियाह को भी मार गिराया था। इसके अलावा इराक का हिजबुल्ला ब्रिगेड का एक सीनियर कमांडर अबू हैदर भी ड्रोन हमले में मारा गया था, इसकी वजह से दोनों के बीच तनाव और भी बढ़ गया।

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