November 26, 2024

हरदीप पुरी ने पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा- ‘एशिया में तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बना भारत’

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नई दिल्ली
भारत पहली बार एशिया में तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है। ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट की ओर जारी 'एशिया पावर इंडेक्स-2024' में इसकी जानकारी दी है। भारत, रूस और जापान जैसे सुपरपावर देशों को पछाड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। इसके साथ ही भारत अब विश्व में सिर्फ अमेरिका और चीन से पीछे है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने 'एशिया पावर इंडेक्स-2024' में भारत की बढ़त का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और वैश्विक रणनीति को दिया है।

उन्होंने देश की बढ़ती ताकत की सराहना करते हुए कहा, "भारत का उत्थान कोई आर्श्चचकित करने वाली बात नहीं है। यह प्रधानमंत्री मोदी की आक्रामक कूटनीतिक रणनीति और विश्व में भारत का स्थान दोबारा बनाने की उनकी साहसिक महत्वाकांक्षाओं का प्रत्यक्ष परिणाम है। उनके नेतृत्व के बिना, भारत अभी भी पीछे होता, लेकिन आज, हम एक राष्ट्र को महाशक्ति की स्थिति के कगार पर देखते हैं।''

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, "यह विश्व मंच पर पीएम मोदी का अथक प्रयास हैं, जिसने भारत को मानचित्र पर वापस ला दिया है। उन्होंने भारत की गुट निरपेक्ष नीति को अपनाया है और इसे वैश्विक कूटनीति में लाभ उठाने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण में बदल दिया है।"

उन्होंने आगे कहा, "हालांकि, चीन जैसे देश में उम्रदराज लोगों की संख्या बढ़ रही है और चीन मंदी का सामना कर रहा है। वहीं, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के पास एशिया के नए किंगमेकर के रूप उभरने के लिए संसाधन और नेतृत्व हैं। जो लोग भारत के उत्थान पर पीएम मोदी के प्रभाव पर सवाल उठाते हैं, उन्हें केवल तथ्यों को देखने की जरूरत है। भारत की प्रगति आगे है और दुनिया अब इसे नजरअंदाज नहीं कर सकती है।''

वरिष्ठ भाजपा नेता ने पिछली कांग्रेस सरकारों पर भी निशाना साधा और कहा, "पिछली सरकार के अनिर्णायक और दिशाहीन दृष्टिकोण ने देश को दिशाहीन छोड़ दिया गया था। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2043 तक तीसरी सबसे बड़ी होगी और पीएम मोदी इसकी गारंटी दे रहे हैं कि उनके कार्यकाल में भी ऐसा ही होगा। वास्तव में, आईएमएफ ने हाल ही में अनुमान लगाया है कि भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। पिछली सरकारों के नेतृत्व में, भारत कभी भी किसी भी शक्ति सूचकांक में शीर्ष तीन में जगह नहीं बना पाता।''

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