November 26, 2024

भारत के इस गांव में शादी के बाद एक हफ्ते तक बिना कपड़ों के रहती है दुल्हन

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नईदिल्ली
भारत विविधताओं का देश है, यहाँ की संस्कृति, परंपराएं, आचार-विचार एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में, एक जाति से दूसरी जाति में, एक समुदाय से दूसरे समुदाय में बेहद अलग हैं। ऐसे में भारत में भी कुछ ऐसे समुदाय हैं जो शादी की ऐसी परंपराओं का पालन करते हैं जो आधुनिक समाज को अजीबोगरीब लगती हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही एक रिपोर्ट के बारे में।

जैसा कि पहले बताया गया है कि भारत में शादी की परंपराएं अलग-अलग समुदायों की संस्कृति और परंपराओं के अनुसार बेहद अलग-अलग हैं। कुछ समुदायों में शादी के बाद कपड़े फाड़े जाते हैं। वहीं कुछ समुदायों में दूल्हा और दुल्हन को कमरे में बंद कर दिया जाता है। इसी तरह आज हम आपको शादी की एक ऐसी ही अनोखी परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं.

भारत के कई हिस्सों में शादी एक भव्य उत्सव, खुशियों से भरा, सभी रिश्तेदारों का एक साथ आना एक खूबसूरत उत्सव होता है। लेकिन कई जगहों पर होने वाली शादी की परंपराएं आपको हैरान कर सकती हैं। यह जानकर आपको हैरानी हो सकती है कि यह परंपरा भारत में ही निभाई जा रही है। यहां एक समुदाय में जहां पूरा परिवार बैठकर दूल्हे के कपड़े फाड़ता है, वहीं दूसरे समुदाय में शादी के बाद दुल्हन कपड़े ही नहीं पहनती है, तो वहीं एक और जगह दूल्हा-दुल्हन पर टमाटर फेंककर उनका स्वागत करने की अजीबोगरीब परंपरा है.

इसी तरह भारत के इस गांव में एक समुदाय में शादी के बाद एक हफ्ते तक दुल्हन कपड़े नहीं पहनती है, इतना ही नहीं इस दौरान पति और पत्नी आपस में बात भी नहीं करते हैं, साथ ही दोनों को अलग-अलग करके एक-दूसरे से दूर रखा जाता है।  हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण घाटी में स्थित पिनी गांव में यह अजीबोगरीब परंपरा है। शादी के बाद दुल्हन को यहां एक हफ्ते तक पूरी तरह नग्न रहना पड़ता है। लेकिन इस दौरान अगर उसे पीरियड्स आते हैं तो वह सिर्फ ऊन से बना एक बेल्ट ही पहन सकती है.

यह सावन महीने के पांच दिनों तक बिना कपड़े पहने पूरी तरह नग्न रहने की पिनी गांव के कुछ समुदाय की महिलाओं की परंपरा से मिलता-जुलता है। यहां सावन महीने में महिलाएं कपड़े नहीं पहनती हैं, वहीं पुरुषों के लिए भी कुछ नियम हैं, पुरुष इन पांच दिनों तक कोई भी नशा नहीं कर सकते हैं और न ही मांस का सेवन कर सकते हैं, यहां के लोगों का मानना है कि अगर स्त्री और पुरुष दोनों इस परंपरा का पालन करते हैं तो उनका भला होता है।

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