November 12, 2024

रूस को धोखा देंगे तुर्की के एर्दोगान! F-35 जेट के बदले अमेरिका को दे सकते हैं S-400, डील पर बातचीत तेज

0

अंकारा
 अमेरिका और तुर्की के बीच कथित रूप से एफ-35 फाइटर जेट को लेकर बातचीत काफी तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि अमेरिका ने तुर्की को ऑफर दिया है कि वह रूस का एयर डिफेंस स‍िस्‍टम एस 400 उसे दे दे और बदले में एफ-35 जेट ले ले। ग्रीस की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका इन तुर्की के खरीदे एस-400 सिस्‍टम का कंट्रोल चाहता है। तुर्की के रूस से एस-400 सिस्‍टम खरीदने के बाद अमेरिका ने एफ-35 जेट देने से इंकार कर दिया था। यह एफ-35 फाइटर जेट पांचवीं पीढ़ी का है और रूसी ब्रहास्‍त्र एस-400 का विरोधी माना जाता है। एस-400 सिस्‍टम को तुर्की के अलावा भारत और चीन भी इस्‍तेमाल करते हैं।

ग्रीस के अखबार कथिमेर‍िनी ने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है। नाटो का सदस्‍य तुर्की एफ-35 फाइटर प्रोग्राम में साल 2007 में शामिल हुआ था और साल 2019 में रूस से एस-400 खरीदने के बाद उसे इस प्रोग्राम से हटा दिया गया था। अमेरिका का कहना है कि एस 400 सिस्‍टम उसके एफ-35 फाइटर जेट और नाटो के बॉर्डर डिफेंस के लिए खतरा है। यूक्रेन युद्ध में रूस एस-400 का जमकर इस्‍तेमाल कर रहा है। यूक्रेन की सेना रूस के कई एस 400 सिस्‍टम को तबाह भी कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने तुर्की को एक व्‍यापक प्रस्‍ताव दिया है। इसके तहत एस 400 सिस्‍टम रहेगा तो तुर्की की जमीन पर ही लेकिन इसका कंट्रोल अमेरिका के हाथों में रहेगा।

अमेरिका के हाथ लग सकता है रूसी एस-400 का सीक्रेट

बताया जा रहा है कि एस-400 सिस्‍टम को तुर्की के इनसिरलिक एयर बेस तैनात किया जा सकता है जिसका नियंत्रण अमेरिका के हाथों में है। इसी एयर बेस पर परमाणु बम भी तैनात हैं। माना जा रहा है कि इसके जरिए अमेरिका रूस के एस 400 एयर डिफेंस सिस्‍टम की जांच कर सकेगा और उसके रहस्‍यों का पता लगा सकेगा। इससे आगे चलकर अमेरिका एस-400 का तोड़ तैयार कर सकेगा। वहीं अगर तुर्की एफ-35 फाइटर जेट हासिल करता है तो इससे उसकी हवाई ताकत काफी बढ़ जाएगी। एफ 35 फाइटर जेट दुनिया के उन दो पांचवीं पीढ़ी के विमानों में शामिल है जिसका बड़े पैमाने पर उत्‍पादन होता है।

एफ 35 के अलावा दूसरा विमान चीन का जे-20 है जो पश्चिमी देशों को टक्‍कर दे रहा है। तुर्की के पास इस समय एफ-16 और एफ-4 का पुराना संस्‍करण है। इसमें कोई भी नया रेडॉर नहीं है और न ही 21वीं सदी की एयर टु एयर मिसाइल है। इससे पहले तुर्की ने संकेत दिया था कि वह रूस से सुखोई-35 और सुखोई-57 फाइटर जेट खरीद सकता है। हालांकि अब दोनों के बीच डील होती दिख रही है। बताया जा रहा है कि जुलाई में अमेरिकी दल तुर्की पहुंचा था। बता दें कि अमेरिका की चेतावनी के बाद भी तुर्की ने रूस से 2.5 अरब डॉलर में एस 400 सिस्‍टम खरीदा था। पुतिन और एर्दोगान के बीच बहुत ही करीबी दोस्‍ती रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *