वन स्टॉप सेंटर (सखी) जो कि किसी भी हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए एक ही छत के नीचे सारी सहायता
धार
कलेक्टर श्रीमान डॉ. पंकज जैन के निर्देशन में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुभाष जैन के मार्गदर्शन में संचालित वन स्टॉप सेंटर (सखी) जो कि किसी भी हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए एक ही छत के नीचे सारी सहायता उपलब्ध करवाता है इसी अर्न्तगत एक महिला शगुन (परिवर्तित नाम) जो कि मूलतः ग्राम गांजीवाड़ा तह परासिया जिला-छिन्दवाड़ा (म.प्र.) की रहने वाली थी एवं भटकते हुए धार जिले में पहुँच गई तब धार के समीपस्थ गाँव कलमखेड़ी के किसी मंदिर पर बैठी थी गाँव के ही एक व्यक्ति ने देखा तो गाँव के सरपंच को सूचना दी सरपंच घनश्याम ने आकर महिला से बात की तो वह ज्यादा कुछ बताने में सक्षम नहीं थी अतः डायल 100 व थाना कोतवाली आरक्षक को बुलाकर महिला को रुकने का स्थान न होने के कारण वन स्टॉप सेंटर (सखी) पर अस्थायी आश्रय सुविधा हेतु रात्रि 11:00 बजे लाया गया, वन स्टॉप सेंटर प्रशासक, श्रीमती ज्योत्सना ठाकुर द्वारा महिला से बात की गई व उसके बारे में विस्तृत जानने का प्रयास कर आश्रय प्रदान किया गया। काउंसलर चेतना राठौर द्वारा महिला की काउंसलिंग की गई, तो प्रार्थिया ने बताया कि वह छिन्दवाड़ा जिले की निवासी है। अपने घर से वह होशंगाबाद नर्मदा स्नान के लिए निकली थी, महिला के पति व बच्चे गॉव में ही थे और शगुन अपनी माँ के घर थी। और वही से तीर्थ के लिए निकली थी। नर्मदा स्नान के बाद महिला जब वापस अपने घर जाने को निकली तो रास्ता भटक गई गलत ट्रेन में बैठ गई।
भटकते हुए वह धार में पहुँच गई। महिला के परिवार गाँव का पता ज्ञात किया गया। वन स्टॉप सेंटर छिन्दवाड़ा संपर्क कर महिला की संपूर्ण जानकारी से अवगत करवाया गया। महिला के परिवार को ढूंढने का प्रयास करवाया गया। धार वन स्टॉप सेंटर से केस वर्कर सविता गिरवाल, देवीसिंह बाननियाँ व महिला आरक्षक संतोषी कटारे द्वारा शगुन को सुरक्षित रूप से वन स्टॉप सेंटर (सखी) छिन्दवाड़ा को सुपुर्दगी दी गई। जिससे शगुन फिर से अपने परिवार में पुर्नवासित हो सके केस वर्कर अर्चना सेन व 1 लीला रावत द्वारा कार्यवाही पूर्ण करने में सहयोग प्रदान किया गया।