November 24, 2024

करनाल से11 साल पहले लापता बच्चा, लखनऊ में मिला तो परिजनों ने ऐसे की पहचान

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चंडीगढ़
 हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पंचकुला ने 11 साल से गुमशुदा लड़के सतबीर उर्फ टार्जन को अपने बिछड़े परिवार से मिलवाने में सफलता हासिल की है। यह लड़का 11 साल पहले जिला करनाल के तरावड़ी में अपने परिजनों से बिछड़ गया था। आज सतबीर(वर्तमान आयु 20 वर्ष) को राज्य अपराध शाखा की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ममता सिंह की उपस्थिति में उसके बिछड़े परिवार से मिलवाया गया। इस मौके पर परिजनों ने हरियाणा पुलिस का कोटि-कोटि आभार व्यक्त किया। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की इस उपलब्धि पर पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने पूरी टीम को अपनी शुभकामनाएं दी और उन्हें भविष्य में भी इसी प्रकार उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।

क्या था मामला

सतबीर उर्फ टार्जन नाम का यह गुमशुदा लड़का 11 साल पहले जिला करनाल से लापता हो गया था जिसकी सितंबर 2013 में जिला करनाल के तरावड़ी पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज की गई। सतबीर पर ₹5000 का इनाम भी रखा गया था। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को गुमशुदा सतबीर को तलाशने संबंधी फाइल सौंपी गई। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने सतबीर की माता से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि सतबीर के हाथ पर कुत्ते के काटने का निशान है तथा बाहिने हाथ पर बंदर के काटने का निशान है। सतबीर के पिता का स्वर्गवास हो चुका है। सतबीर की माता ने बताया कि वह अपने पुत्र के वियोग में वर्षों से उसका इंतजार कर रही है। इसके बाद एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने दिन रात मेहनत करते हुए गुमशुदा सतबीर की तलाश शुरू की। एएसआई राजेश कुमार ने सतबीर का पोस्टर तैयार करवाते हुए उसे दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, मुंबई, कानपुर, शिमला, लखनऊ के चाइल्ड केयर संस्थानों में लगवाया और उसकी तलाश शुरू की। एक दिन लखनऊ से राजकीय देखरेख संगठन के प्रतिनिधियों द्वारा हरियाणा की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम से संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि यह पोस्टर उनके यहां पर रह रहे सतबीर नामक युवक से मेल खाता है। उन्होंने बताया कि यह बच्चा उनके पास मेरठ चाइल्ड केयर संस्थान से आया है। उससे पहले यह गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर लावारिस घूमता हुआ चाइल्ड लाइन को मिला था।

इसके बाद एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने सतबीर से पूछताछ की और तथ्यों की जांच पड़ताल करते हुए उसे वापस हरियाणा लाया गया। सतबीर की उनके भाई तथा माता आदि को दिखाया गया और पूरी तरह से मामले की पुष्टि करते हुए सतबीर को आज उसके परिजनों को सौंपा गया। 11 साल बाद सतबीर को अपने बीच पाकर परिवार के सदस्यों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पूरा परिवार खुशी के इस मौके पर बार-बार हरियाणा पुलिस का आभार जताते नजर आया। सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने उपरांत आज सतबीर को उसके परिजनों को सौंप दिया गया।

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