September 25, 2024

बीते 10 साल में बढ़े 300 कॉलेज, 200 से कम एडमिशन अब आ रही ताला लगाने की नौबत

0

भोपाल
मप्र के पंद्रह फीसदी कॉलेजों में ताले लगाने की तैयारी की जा रही है। इनमें से कुछ कॉलेजों में विद्यार्थी और प्रोफेसर की संख्या बराबर है। छात्रों का भविष्य बर्बाद नहीं हो इसको लेकर अब सरकार नई व्यवस्था बना रही है। गत वर्ष खोले गए एक दर्जन कॉलेजों की स्थिति भी काफी खराब बनी हुई है।  

प्रदेश के 72 कॉलेजों में 200 से कम विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इसलिए विभाग उक्त कॉलेजों को बंद करने जा रहा है। यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों को नजदीकी बड़े कॉलेजों में शिफ्ट किया जाएगा। इसका पूरा खाका तैयार किया जा रहा है। 72 कॉलेजों में प्रोफेसर और कर्मचारियों के पद सृजित कर पदस्थ तक कर दिया गया है। गत वर्ष उच्च शिक्षामंत्री मोहन यादव ने एक दर्जन कालेज कॉलेज स्थापित कराकर अंतिम राउंड की काउंसलिंग से प्रवेश कराए थे। उक्त कालेजों में भी प्रवेश की स्थिति ठीक नहीं है।

2008 में मप्र में 302 सरकारी कॉलेज थे। सरकार की घोषणा और स्थानीय नेता और मंत्री की मांगों पर अमल करते पिछले दस सालों में सरकार ने बिना प्लानिंग किए एक के एक बाद नए 230 कॉलेजों खोल दिए। इससे उनकी संख्या अब 532 तक पहुंच गई है।  उक्त कॉलेजों में विद्यार्थी सिर्फ नाम के लिए प्रवेश लेकर सिर्फ एग्जाम देने जाते हैं। यहां से स्कॉलरशिप तक लेते हैं। कुछ कॉलेजों में सिर्फ अतिथि विद्वान प्राचार्य की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। क्योंकि वहां कोई प्रोफेसर नहीं हैं।

बांटा जा रहा लाखों का वेतन
करीब आधा दर्जन कॉलेजों में दो दर्जन विद्यार्थी तक प्रवेश लेने नहीं पहुंचे हैं। जबकि प्रोफेसर और कर्मचारियों को लाखों रुपए का वेतन प्रतिमाह आवंटित किया जा रहा है। उक्त कॉलेजों में स्वयं का भवन के अलावा बिजली, पानी और संसाधनों का काफी अभाव है।

जिलों में बंद होने वाले 72 कॉलेज
सतना में छह कॉलेज, उज्जैन में पांच, रीवा और डिंडौरी में चार-चार, शाजापुर, सिंगरौली, शिवपुरी, श्योपुर, सीहोर और सीधी में तीन-तीन, अनूपपुर, शहडोल, हरदा, मंडला, रतलाम, रायसेन, धार, बड़वानी, सागर, सिवनी और बुरहानपुर में दो-दो, अशोकनगर, छिंदवाड़ा, आगरमालवा, ग्वालियर, होशंगाबाद, कटनी, मंदसौर, मुरैना, नीमच और पन्ना में एक-एक कॉलेज।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed