November 24, 2024

टमाटर, मिर्च लगाकर ग्राम झोडियाबाड़म की दीदियां बदल रही है अपनी जिंदगी की तस्वीर

0

दंतेवाड़ा

टमाटर, मिर्च लगाकर ग्राम झोडियाबाड़म की दीदियां बदल रही है अपनी जिंदगी की तस्वीर कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ में कृषि कार्य अब लाभकारी हो चुका है, राज्य सरकार ने विगत  वर्ष में कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देकर विभिन्न योजनाओं को संचालित किया है और इसका सीधा प्रभाव आज यथार्थ के धरातल पर परिलक्षित है। परंपरागत खेती में कई बदलावों के साथ अब राज्य के लोग आधुनिक एवं उन्नत तकनीक के साथ  व्यावसायिक तौर पर खेती कर रहे हैं। इसका सीधा लाभ कृषकों को हो रहा है। मुख्यत: धान की खेती के लिए प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ राज्य अब शाक सब्जियों की खेती का भी गढ़ बन रहा है।

राज्य में सब्जी की खेती का फैलाव अब मैदानी इलाकों से निकलकर पहाड़ों तक हो चला है। खास तौर पर शाक सब्जियों की खेती के साथ वनांचलों के ग्रामीण भी जुड़ रहे हैं। शाक सब्जियों की खेती वर्तमान में बेहद मुनाफे की खेती में परिवर्तित हो गई है। यही नहीं शाक सब्जियों की खेती में स्व सहायता समूहों की महिलाओं को जोड़े जाने के पहल ने भी कृषि क्षेत्र में भी कई बदलाव लाए है। अगर इसे फायदे के दृष्टिकोण से देखा जाएं तो महिलाओं के बड़े समूहों को घर बैठे रोजगार मिलने के साथ-साथ आर्थिक आमदनी में वृद्धि हुई है इसके अलावा गैर परम्परागत कृषि को प्रोत्साहन मिला।

इस क्रम में जिले के ग्राम पंचायत- झोडियाबाड़म (कलार पारा) जय मां दंतेश्वरी स्व सहायता समूह (बिहान) की दीदी श्रीमती पीला बाई सेठिया, एवं श्रीमती मालेश्वरी सेठिया ने भी समूह से जुड़कर अपने कृषि कार्य को एक नयी दिशा दी है। ये दीदियां भी अन्य ग्रामीण महिलाओं की तरह पारंपरिक खेती पर निर्भर थी। स्पष्ट है कि इससे उनकी आय भी सीमित रहती थी। फिर उन्होंने बिहान योजना से जुड़ कर बैंक लिंकेज करवाकर ने अपनी आय बढ़ाने और खेती में कुछ नया करने का निर्णय लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *