‘अर्बन नक्सल’ पर बरसते हुए पीएम मोदी बोले – मैंने पूरा किया नेहरू का काम
अहमदाबाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि 'अर्बन नक्सल' और राजनीतिक समर्थन वाले 'विकास विरोधी तत्वों' ने गुजरात में कई सालों तक नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के निर्माण को रोककर रखा। पीएम मोदी ने कहा कि पर्यावरण के नाम पर ऐसा किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि जिस काम की शुरुआत देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी उसे उन्होंने पूरा किया। प्रधानमंत्री ने गुजरात में आयोजित पर्यावरण मंत्रियों के सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।
नर्मदा जिले के एकता नगर में जुटे देश के अलग-अलग राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों से पीएम मोदी ने बताया कि कैसे पर्यावरण की आड़ लेकर देश में विकास के कामों को रोकने की कोशिश हुई है। उन्होंने कहा, ''आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना, देश का विकास, देशवासियों के जीवन स्तर को सुधारने का प्रयास सफल नहीं हो सकता। लेकिन हमने देखा है कि पर्यावरण मंजूरी के नाम पर देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को कैसे उलझाया जाता था।''
पीएम मोदी ने आगे कहा, ''आप जिस जगह बैठे हैं एकता नगर का उदाहरण आंखे खोलने वाला है। कैसे अर्बन नक्सलों ने, विकास विरोधियों ने सरदार सरोवर डैम को रोककर रखा था। आपने यहां बड़ा जलाशय देखा होगा। इसका शिलान्यास आजादी के तुरंत बाद किया गया था। सरदार वल्लभभाई पटेल ने इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी और पंडित नेहरू ने शिलान्यास किया था। लेकिन सारे अर्बन नक्सल मैदान में आ गए, दुनिया के लोग आ गए। झूठा प्रचार किया, अभियान चलाया कि यह पर्यावरण विरोधी है। बार-बार उसे रोका गया। जिस काम की शुरआत नेहरू जी ने की थी वह पूरा हुआ मेरे आने के बाद। देश का कितना पैसा बर्बाद हो गया।''
पीएम मोदी ने कहा, ''ये अर्बन नक्सल आज भी चुप नहीं हैं। आज भी खेल खेल रहे हैं। उनके झूठ पकड़े गए उसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है। उन्हें राजनीतिक समर्थन मिल जाता है कुछ लोगों का। भारत में विकास को रोकने के लिए कई ग्लोबल संस्थाएं भी तूफान खड़ा कर देती हैं और ये हमारे अर्बन नक्सल उनको माथे पर लेकर नाचते रहते हैं और रुकावट आ जाता है।'' पीएम मोदी ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा से समझौता किए बिना संतुलित रूप से विचार करके आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अर्बन नक्सल झूठे प्रचार से वर्ल्ड बैंक और न्यायपालिका को भी प्रभावित करते हैं।