November 25, 2024

कर्नाटक में PFI पर बैन की लटकी तलवार, हड़ताल पर हाई कोर्ट से फटकार, केस भी हुआ दर्ज

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बेंगलुरु
कर्नाटक में कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) पर प्रतिबंध की तलवार लटक रही है। राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा है कि केंद्र सरकार ने पीएफआई और एसडीपीआई पर पाबंदी लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ज्ञानेंद्र ने  कहा कि इन दोनों कट्टरपंथी संगठनों को अनेक आतंकवादी संगठनों का समर्थन प्राप्त है और इनकी योजना अराजकता फैलाने की है। उन्होंने  कहा, 'PFI-SDPI की समाप्ति में लोगों को सहयोग करना चाहिए। इन संगठनों को जाति, धर्म, लाभ-हानि की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। कांग्रेस के समर्थन से  इन संगठनों को फलने-फूलने का मौका मिला।'

पीएफआई और एसडीपीआई के कार्यालयों पर एनआईए की छापेमारी के बाद कर्नाटक में 14 लोगों को राजद्रोह के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि ये गिरफ्तारियां गुरुवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों से की गईं। बेंगलुरु शहर पुलिस ने एक बयान में बताया कि इन 14 लोगों के खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने संबंधी धारा समेत IPC की विभिन्न धाराओं के तहत कडुगोंडानाहल्ली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया। इनमें से दो आरोपी बेंगलुरु और शेष 12 आरोपी राज्य के विभिन्न हिस्सों के हैं। आरोपियों को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा।

केरल HC का कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश
वहीं, केरल हाई कोर्ट ने पीएफआई की हड़ताल और राज्य में आज हुई हिंसा की घटनाओं पर संज्ञान लिया है। अदालत ने कहा कि हड़ताल पर उसने पहले ही रोक लगा रखी है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। अदालत ने राज्य प्रशासन को उसके हड़ताल पर प्रतिबंध संबंधी आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

वहीं, पीएफआई की ओर से शुक्रवार को सुबह से शाम तक बुलाई गई हड़ताल हिंसक हो उठी है। केरल के विभन्नि स्थानों पर हड़ताल समर्थकों ने राज्य पथ परिवहन निगम (केसआरटीसी) की बसों पर पथराव किया, जिससे यातायात बाधित हुआ। इससे सामान्य जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। आंदोलनकारियों ने मलप्पुरम, पलक्कड़, कोझिकोड, कन्नूर, पेरुंबवूर, पंडालम, पठानमथट्टिा, कट्टकाडा और तिरुवनंतपुरम सहित कई जगहों पर केएसआरटीसी की कई सरकारी बसों पर पथराव किया।

कई जिलों में बसों की आवाजाही रुकी
पुलिस सुरक्षा के अभाव में मलप्पुरम, कोझिकोड, एर्नाकुलम और कई अन्य जिलों में निजी बसों ने सेवाएं बंद कर दीं। कुछ जगहों पर हालांकि, निजी कारें, जीप और ऑटोरक्शिा चले। मलप्पुरम, पलक्कड़, एर्नाकुलम, कन्नूर और कोझिकोड सहित कई जिलों में हिंसा की आशंका से कई दुकानें और अन्य निजी संस्थान बंद रहे।

PFI नेताओं की गिरफ्तारी के बाद हंगामा
गौरतलब है कि NIA की ओर से गुरुवार को राज्य और देश भर में पीएफआई नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में पीएफआई ने केरल में शुक्रवार को हड़ताल बुलाई। पीएफआई के राज्य मीडिया समन्वयक ए अब्दुल सत्तार ने कहा, 'गिरफ्तारी आरएसएस नियंत्रित फासीवादी केंद्र सरकार के एक छिपे हुए एजेंडे का हस्सिा है। केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल असहमति की आवाजों को दबाने के लिए किया जाता है। सभी लोकतांत्रिक विश्वासियों को संवैधानिक मूल्यों और नागरिक अधिकारों को कुचलने वाले फासीवादी शासन के खिलाफ हड़ताल का समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए।'

इस बीच, केरल के पुलिस प्रमुख अनिल कांत ने सभी पुलिस अधिकारियों को हड़ताल से जुड़ी हिंसा को समाप्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों, बैंकों, अन्य संस्थानों और केएसआरटीसी बसों के संचालन के लिए पुलिस सुरक्षा सुनश्चिति की जा रही है। उन्होंने हिंसा में शामिल लोगों और सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी निर्दश दिया।

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