November 26, 2024

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में की छनाई, 96 टर्नआउट का रिन्यूअल तथा 3600 किलोमीटर से अधिक प्लेन ट्रैक टैंपिंग का कार्य किया गया

0

बिलासपुर

 भारतीय रेलवे के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे लगभग 5465 ट्रैक किलोमीटर रेल लाइन के साथ प्रतिदिन औसत लगभग 400 से भी अधिक ट्रेनों का परिचालन करती है । इतनी बड़ी संख्या में रेल लाइनों पर गाडि?ों के परिचालन से निश्चित ही रेल लाइनों का समयानूसार आवश्यक मेंटेनेंस कार्य की आवश्यकता होती है । अगर रेल लाइनों की बात की जाए तो यह मात्र लोहे के दो पटरियों को समतल जगह पर गिट्टी के ऊपर बिछाकर रेल चलाने जितनी सरल नहीं है । रेल परिचालन जितना महत्वपूर्ण है उतना ही जरूरी रेल पटरियों का मेंटेनेंस भी है । संरक्षा की दृष्टि से तो यह और भी अतिआवश्यक है ।

रेल लाइनों के मेंटेनेंस में मुख्य रूप से रेल लाइनों की लाइनिंग, लेवलिंग एवं अलाइनमेंट बहुत ही महत्वपूर्ण है इसके साथ ही साथ रेल लाइनों के नीचे बिछा हुआ गिट्टी या बैलास्ट, जो कि लाइनों के लिए कुशन का कार्य करती है तथा रेल लाइनों के ऊपर पड?े वाली गाडि?ों के भार को सही मात्रा में बाँटकर रेल यात्रियों के आरामदायक यात्रा को सुनिश्चित करने में मदद करती है ।

रेल यात्रियों के संरक्षित सफर को सुनिश्चित करने में रेल लाइनों के मेंटेनेंस कार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है । नए जरूरतों को देखते हुए रेलवे द्वारा अत्यधिक आधुनिक मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। इन अत्?याधुनिक मशीन के द्वारा रेल ट्रैक के रखरखाव से संबंधित अनेक प्रकार के कार्य सुगमता से सरलता से किए जाते हैं। मशीन के द्वारा कार्य में लागत अत्यधिक कम आती है, और साथ-साथ में रेल ट्रैक की भारी संरचना के कार्य को भी सरल एवं सुरक्षित तरीके से कर देती है जिससे ट्रैक कर्मियों की सुरक्षा भी बनी रहती है ।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में तीसरी लाइन, चौथी लाइन एवं नई लाइन के निर्माण कार्य तथा कार्यरत लाइन के अनुरक्षण एवं मरम्मत के लिए मशीनों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हो गई है । इसके के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेल में मैनपावर के साथ, उच्च तकनीक के मशीनों का भी इस्तेमाल करके आधुनिक ट्रैक मेंटेनेंस किया जा रहा है । नागपुर से झारसुगुड़ा मेन लाइन की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे की जा चुकी है । ऐसे में इन सेक्शनों की गति की गति में वृद्धि के साथ ही इस तरह की मशीनों की आवश्यकता तथा महत्ता और अधिक बढ़ गई है ।

इसी कड़ी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत रेल लाइनों का ट्रैक मशीनों के द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के अप्रैल2024 से सितंबर 2024 के दौरान 06 महीनों में 104 किलोमीटर ट्रैक रिन्यूअल, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के 49 किलोमीटर की तुलना में 112 प्रतिशत अधिक है, 133 किलोमीटर ट्रैक में गिट्टी की छनाई, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के 59 किलोमीटर की तुलना में 125 प्रतिशत अधिक है, 96 टर्नआउट का रिन्यूअल, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के 44 टर्नआउट रिन्यूअल की तुलना में 118 प्रतिशत अधिक है, तथा 3642 किलोमीटर प्लेन ट्रैक की टैंपिंग, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के 2610 किलोमीटर की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है, का कार्य किया गया है । रेल लाइनों के मेंटेनेंस से संबंधित ये सारी उपलब्धियां गाडि?ों के परिचालन के साथ-साथ बेहतर प्लानिंग एवं सामंजस्य के साथ हासिल की गई है ।

ट्रैक मेंटेनेंस के दौरान दिन हो या रात, सर्दी हो या बरसात 24 घंटे रेल कर्मचारी एक-एक मिनट के समय का सदुपयोग करते हुए संरक्षित रेल परिचालन के लिए कार्य करता है । इसके साथ ही साथ इन्ही दौरान रेलवे लाइनों पर ट्रैको के रिनिवल एवं मेंटेनेंस करनेवाली मशीनों से भी कार्य लिया जाता है । वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे अपने 75 ट्रैक मशीनों के साथ ट्रैक रखरखाव एवं अनुरक्षण के कार्य में मुस्तैदी के साथ कार्यरत है । ट्रैक मशीनों मे मुख्यत: सीएसएम, ड्योमैटिक, एमपीटी, यूनिमेट, बीसीएम, एफआरएम, बीआरएम, पीक्यूआरएस, टी28, आदि शामिल हैं । इस वित्तीय वर्ष दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में अलग-अलग तरह के 11 और मशीन भी शामिल होने वाले है । इन मशीनों के संचालन के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के ट्रैक मशीन विभाग में लगभग 700 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *