November 27, 2024

शिमला की संजौली मस्जिद: कोर्ट के आदेश के बाद गिराई जाएंगी 3 मंजिल, कमेटी अपने खर्च पर तोड़ेगी

0

शिमला

हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली मस्जिद निर्माण को लेकर चले आ रहे विवाद में कोर्ट का फैसला आ गया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मस्जिद की तीन मंजिलों को तोड़ने का आदेश दिया है. कोर्ट ने तीसरी, चौथी और पांचवीं मंजिल तोड़ने के लिए कहा है. पिछले काफी समय से मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर विवाद बना हुआ था, लेकिन अब कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी विवादों पर पूर्ण विराम लगा दिया है. कोर्ट ने यह फैसला मस्जिद कमेटी की ओर से लगाए गए आवेदन के बाद सुनाया है.

संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि आने वाले दो महीनों के अंदर मस्जिद के अवैध रूप से बनी तीन मंजिलों को तोड़ना होगा. साथ ही इस काम में आने वाला सारा खर्च मस्जिद कमेटी उठाएगी. कोर्ट ने मस्जिद की तीन मंजिलों को तोड़ने का काम मस्जिद प्रधान की देखरेख में होने का आदेश दिया है. संजौली मस्जिद के निर्माण का काम साल 2009 में शुरू हुआ था. साल 2010 आते-आते मस्जिद के निर्माण पर विवाद शुरू हो गया था.

2018 में बनी पांच मंजिला मस्जिद की इमारत

विवाद बढ़ने के दो साल बाद यानी 2012 में वक्फ बोर्ड ने मस्जिद बनाने की अनुमति दी थी. जिसके बाद 2013 में एक व्यक्ति ने मस्जिद की ओर से एक मंजिला इमारत बनाने का प्रस्तावित नक्शा निगम में दिया था, लेकिन 2018 तक मस्जिद कमेटी ने बिना किसी वैध मंजूरी के पांच मंजिला इमारत बना डाली थी. तभी से इस मस्जिद को लेकर विवाद बहुत ही ज्यादा बढ़ गया था. इस पूरे विवाद पर लोगों का कहना है कि यह मस्जिद अवैध रूप से बनी हुई. जिसको जल्द से जल्द ध्वस्त किया जाना चाहिए.

वक्फ बोर्ड ने माना 2 मंजिल अवैध

बीते दिनों इस मामले में हिंदू संगठन के नेताओं ने भी अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था. उनकी भी यही मांग थी कि प्रदेश भर में बनी सभी मस्जिदों की जांच की जानी चाहिए. कोर्ट ने मस्जिद के अवैध मंजिल को तोड़ने का फैसला मस्जिद कमेटी की ओर से लगाई गई एक एप्लीकेशन के बाद सुनाया है. एप्लीकेशन में मस्जिद कमेटी ने खुद मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने का प्रस्ताव रखा था. संजौली मस्जिद विवाद पर शिमला वक्फ बोर्ड ने भी माना है कि संजौली मस्जिद की दो मंजिल अवैध है.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *