October 6, 2024

बिहार जमीन सर्वे में जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ. जगदीश शर्मा को जाति में भुमिहार की जगह बता दिया यादव, महकमे में हड़कंप

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घोसी (जहानाबाद)
बिहार जमीन सर्वे में जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ. जगदीश शर्मा को जाति में भूमिहार की जगह पर यादव बना दिया गया है। इसके साथ ही कई तरह के गड़बड़ियां की गई हैं। जमीन सर्वे में हुई गड़बड़ियों को लेकर पूर्व सांसद डॉ. जगदीश शर्मा ने सीएम को पत्र लिख कर इसकी शिकायत की है। शिकायत के बाद शुक्रवार को सीएम सचिवालय हरकत में आया और राजस्व और भूमि सुधार विभाग को इसमें सुधार का निर्देश दिया है।

दरअसल, जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ. जगदीश शर्मा घोसी प्रखण्ड क्षेत्र के कोर्रा गांव के रहने वाले हैं। डॉ. जगदीश शर्मा घोसी से 6 बार विधायक और जहानाबाद से एक बार सांसद रह चुके हैं। उनकी पत्नी शांति शर्मा और पुत्र राहुल कुमार भी घोसी से विधायक रह चुके हैं। राजनीतिक दिग्गज के साथ भी जमीन सर्वे में बड़ी गलती की गई है। सर्वे के अभिलेख में रैयत जगदीश शर्मा पिता स्व. कमाता शर्मा की जाति ग्वाला (यादव) दर्शाया गया है, जबकि पूर्व सांसद डॉ. जगदीश शर्मा भूमिहार जाति से आते हैं।

पूर्व सांसद ने सीएम को लिखा पत्र
सर्वे के अभिलेख में जिले के नामचीन राजनीतिक हस्ती की गलती चर्चा का विषय बन गया है। इधर, पूर्व सांसद डॉ. जगदीश शर्मा ने सीएम को पत्र लिखकर जमीन सर्वे में कई खामियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पत्र में कहा है कि सर्वे के प्रथम चरण में अमीन ग्राम में जाकर एक-एक परिवार के साथ मिलकर उसके जमीन पर जाकर प्लॉट खाता की पहचान कर जमीन मालिक का नाम उसके समक्ष दर्ज करता तो गड़बड़ी की संभावना नहीं होती। उन्होंने पत्र में आरोप लगाते हुए कहा कि जहानाबाद के हुलासगंज प्रखण्ड में नरमा, किशुनपुर, बिशुनपुर सहिंत कई गांवों में जमीन बकाश्त बताकर उसे रैयतों से छिनने का प्रयास चल रहा है।

जमीन सर्वे को लेकर कई सुझाव भी दिए
पूर्व सांसद डॉ. जगदीश शर्मा ने पत्र में जमीन सर्वे को लेकर कई सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन रैयतों के पास बकाश्त एवं मालिक जमीन का कागज है। उसे उस रैयत के नाम से कर अविलम्ब रसीद काटने का आदेश दिया जाए। कागजातों में त्रुटि निवारण के लिए तिथि निर्धारित कर एक-एक ग्राम में शिविर लगाकर स्थल पर ही निराकरण किया जाए। पूर्व सांसद डॉ. जगदीश शर्मा ने सर्वे में अपने साथ हुए घोर अनियमितता का जिक्र करते हुए कहा है कि इसका प्रमाण इस बात से हो जाता है कि जिले एवं प्रांत के चर्चित व्यक्ति की जाति ही बदल दी जाती है।

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