November 23, 2024

दुर्गा पूजा को लेकर बांग्लादेश में हिंदुओं में दहशत, बंद दरवाजों में पंडाल लगाने को मजबूर, कट्टरपंथी दे रहे धमकी

0

ढाका
 बांग्लादेश में दुर्गा पूजा को लेकर कट्टरपंथियों की धमकी के बाद हिंदू डरे हुए हैं। इसके चलते बांग्लादेश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय में दुर्गा पूजा को लेकर जोश फीका पड़ गया है। बांग्लादेश में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बीच ढाका में राम कृष्ण मिशन ने इस साल कुमारी पूजा नहीं मनाई है। इसके बाद मिशन ने मुख्य पूजा को खुले में न करने का फैसला किया है। यह पूजा अब सभागार के अंदर ही मनाई जाएगी।   अपनी रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है।

ढाका में अल्पसंख्यकों के लिए काम करने वाले एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने नाम न बताने की शर्त पर TNIE को बताया कि 'कट्टरपंथियों ने किसी भी तरह के साउंड का इस्तेमाल न करने की चेतावनी जारी की है। इससे पूरे देश में हिंदू डरे हुए हैं।' कार्यकर्ता ने बताया कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए राम कृष्ण मिशन में दुर्गा पूजा सभागार के अंदर आयोजित की जाएगी।

कट्टरपंथियों के साथ अंतरिम सरकार

बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने दुर्गा पूजा के दौरान माइक न लगाने के साथ ही किसी भी तरह के संगीत वाद्ययंत्र के इस्तेमाल को लेकर भी धमकी दी है। पूजा समितियों को पंडाल लगाने के लिए 5 लाख टका फिरौती के रूप में देने की मांग की जा रही है। इन कट्टरपंथियों को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की मौन सहमति मिली हुई है। कुछ दिन पहले ही बांग्लादेश के गृह मंत्री ने भी इसी के सुर में सुर मिलाते हुए हिंदुओं से दुर्गा पूजा में नमाज के पहले साउंड और पूजा रोकने की बात कही थी।

हिंदुओं के खिलाफ हिंसा

5 अगस्त को शेख हसीना के ढाका छोड़ने के बाद से बांग्लादेश के कुल 72 में से 62 जिलों में हिंदुओं को निशाना बनाकर 2010 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसमें हिंदू समुदाय के घरों, पूजा स्थलों और कार्य स्थलों पर तोड़फोड़ और भीड़ द्वारा हत्या तक शामिल है। बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने आगामी त्योहार के दौरान पूजा पंडालों और हिंदुओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया है, लेकिन यह सब दिखावा है। किसी भी आरोपी को न हिरासत में लिया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है।

बांग्लादेश में घट रहे हिंदू

बांग्लादेश में शेख हसीना के जाने के बाद अल्पसंख्यकों पर संकट खड़ा हो गया है। मौजूदा शासन हिंदुओं को अवामी लीग का समर्थक मानता है और उनके खिलाफ अत्याचारों पर आंख मूंदे हुए है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की यह कहानी नई नहीं है। 1971 में जब बांग्लादेश के गठन के समय देश में हिंदू समुदाय आबादी का 21 प्रतिशत था। अब यह मात्र 8.7 प्रतिशत रह गया है। अल्पसंख्यक कार्यकर्ता ने कहा कि लगता है कि मौजूदा शासन नहीं चाहता कि बांग्लादेश में कोई अल्पसंख्यक रह जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *