September 25, 2024

लम्पी की चुनौती से निपटने के लिये सरकार पशुपालकों के साथ

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भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पशुपालकों से कहा है कि लम्पी वायरस की चुनौती से निपटने के लिये राज्य सरकार आपके साथ है। आप बिल्कुल भी चिंता न करें। लगातार स्थिति पर नजर बनाये हुए संक्रमण पर शीघ्र नियंत्रण के हर संभव उपाय किये जा रहे हैं। संक्रमण से बचाव के लिये टीकों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। राज्य शासन द्वारा प्रभावित जिलों में मुफ्त टीकाकरण किया जा रहा है। पशु चिकित्सक पशुओं के उपचार और रोग के संबंध में आवश्यक परामर्श के लिये उपलब्ध हैं। वे दिन-रात कार्य कर रहे हैं। चौहान ने पुन: कहा कि यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती है, इसलिये घबराये नहीं। मुख्यमंत्री चौहान ने विश्वास व्यक्त किया कि पशुपालकों के सहयोग और सरकार के प्रयासों से जल्दी ही पशुधन को लम्पी वायरस के प्रकोप से मुक्त कराने में सफल होंगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मेरा सभी पशुपालक भाई-बहनों से विनम्र अनुरोध है कि अपने पशुओं में लम्पी स्किन डिसीज के लक्षण दिखाई देने पर निकटतम पशु औषधालय या पशु चिकित्सालय में तत्काल सम्पर्क करें। बीमार पशुओं का उपचार करायें। स्वस्थ पशुओं को बीमार पशुओं से अलग रखें। स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण करवायें। पशु रखने के स्थान की साफ-सफाई रखें। पशुओं के शरीर पर होने वाले परजीवी जैसे किल्ली, मक्खी, मच्छर आदि को नियंत्रित करने के उपाय करें। बीमारी के प्रकोप के थमने तक बाहर के राज्यों अथवा ऐसी जगहों से, जहाँ बीमारी का प्रकोप हो, पशुओं का क्रय-विक्रय नहीं करें।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के राजस्थान एवं गुजरात के निकटवर्ती जिलों में गौ एवं भैंस वंशीय पशुओं में लम्पी संक्रमण देखा जा रहा है। वायरस जनित यह बीमारी गौ-भैंस वंशीय पशुओं में पशुओं से बारिश के दिनों में फैलती है। रोग की शुरूआत में हल्का बुखार दो-तीन दिन के लिये रहता है। इसके बाद पूरे शरीर की चमड़ी में गोल उभरी हुई गाँठें निकल आती हैं। बीमारी के लक्षण मुँह, गले, श्वांस नली तक फैल जाते हैं। साथ ही पैरों में सूजन, दुग्ध उत्पादकता में कमी, गर्भपात, बाँझपन और कभी-कभी पशु की मृत्यु भी हो जाती है। अधिकतर संक्रमित पशु दो से तीन सप्ताह में ठीक हो जाते हैं, किन्तु दुग्ध उत्पादकता में कमी कुछ समय तक बनी रह सकती है।

 

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